आज के दौर में सफल होने के लिए आप किसी पर भी निर्भर  नहीं रह सकते। आपको अपना करियर खुद डिजाइन करना होगा। इसके लिए यह पता होना जरूरी है कि किन खूबियों की बदौलत सफलता मिल सकती है। और यह जानने के लिए आपको दुनिया के कुछ सफल लोगों […]

मन बहुत व्यथित है। महिलाओं पर मैं अति शीघ्र नही लिखता। और न ही आज लिखना चाह रहा था।माताओं बहनों क्षमा करना। मैं बहुत दिनों से इस समय महिलाओं को कुछ ऐसे विषय पर लिखते देख रहा हूँ। बहुत बुरा लगता है। लिखेंगी फलाना फलाना, धमाका,  यह हमारा अधिकार है,हम […]

किसे याद न होगा आज से लगभग पांच वर्ष पूर्व उस समय  भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘एक समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। आधुनिकता की चकाचौंध में सबकुछ खो गया है। मैं कहना चाहता हूं कि सबसे ज्यादा क्षति […]

पानी को बांधा तो सरोवर बन गया, मोतीयों को बाँधा तो गले का हार बिना व्रतों का जीवन अंगार बन गया व्रतों से बंधा जीवन अलंकार* आम जन जीवन और दिनचर्या में भी यही बात लागू होती है कि कुछ व्रतों से यदि हम अपने जीवन को बाँध ले तो […]

      “लेखनी क्यों कठघरे में ” इस बात को ऐसे ही स्पष्ट नहीं किया सकता है । इसके कई ऋणात्मक और धनात्मक कारण हैं।     रचनाकार हमेशा अपनी नजर में जैसा दिखता है अथवा उसके हृदय से जो निकलता है वही कलम के द्वारा कागज पर उतारता […]

दोस्तो भारतीय फिल्मों को नया विषय मिल गया है ऐसी फिल्में न केवल आम लोगो तक उन लोगो की ज़िन्दगी की जद्दोजहद दिखा कर, उनके लगन और मेहनत से जनता को न केवल प्रेरित करती है बल्कि प्रेरणा दायक भी होती है बॉयोपिक यानी जीवन वृतान्त आधारित फिल्म या किसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।