80 के दशक में जब गांधी फिल्म रिलीज हुई थी तब तक देश में बॉयोपिक फिल्मों का दौर शुरू नहीं हुआ था। तत्कालीन युवा पीढ़ी के लिए फिल्में देखना भी इतना सहज  नहीं था। चोरी – छिपे फिल्में देखने वाले युवकों की पता चल जाने पर घर में मार – […]

पितरपख लगा है कौव्वे कहीं हेरे नहीं मिल रहे। इन पंद्रह दिनों में कौव्वे हमारे पितरों के साँस्कृतिक दूत बनके आते थे। अपने हिस्से का भोग लगाते थे।  कौव्वे पितर बनके तर गए या फिर पितरों ने ही कौव्वों को आने से मना कर दिया। मैंने मित्र से पूछा–आखिर क्या […]

गणेश महोत्सव  तथा हिन्दी दिवस के दौरान नवोदय क्रांति भारत के म.प्र.राज्य मोटिवेटर एवं दोहावली नवाचारों के लिए विख्यात आगर मालवा के शिक्षाविद डॉ. दशरथ मसानिया द्वारा हिन्दी वर्णमाला से बनाई प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश की कलाकृति इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है ।डॉ  मसानिया ने अपने […]

शरद जोशी ने कोई पैतीस साल पहले हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे व्यंग्य निबंध रचा था। तब यह व्यंग्य था, लोगों को गुदगुदाने वाला। भ्रष्टाचारियों के सीने में नश्तर की तरह चुभने वाला। अब यह व्यंग्य, व्यंग्य नहीं रहा। भ्रष्टाचार की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही व्यंग्य की मौत हो गई। […]

      युग दृष्टा, कर्मयोगी और सामाजिक चिंतक पं. दीनदयाल उपाध्याय का जीवन दर्शन हम सबके के लिए प्रेरणादायी हैं। वह कपटरहित, निष्ठावान व्यक्तित्व और राष्ट्रीय कृतित्व से अभिभूत भारत माता के सच्चे पुजारी थे। उनके बुद्धि कौशल व राजनैतिक चातुर्य और निस्वार्थ देशप्रेम के भाव से ही वे […]

धर्म शाश्वत् है .अजर अमर अविनाशी है .सृष्टि में जब तक मानव सभ्यता है धर्म भी रहेगा . धर्म क्या है ? जिसे हम धारण करते हैं वह धर्म है .अर्थात धर्म एक ऐसी जीवनशैली है जिसे हम अपने आचरण में स्वेच्छा से स्वीकारत है . मानव जीवन के लिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।