किसी ने सच ही कहा हैं कि “मीडिया ऐसा टकसाल हैं जहां भाषा गढ़ती यां सृजित होती हैं !” निःसंदेह आज हिंदी रूपी नन्हा पौधा न केवल भारत देश के कोने कोने में वरन संपूर्ण धरा पर वट वृक्ष की भाँति अपनी जड़ें फैलाकर गहरी पैठ करने में सफल […]
भारत देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है – *हिंदी* और करीब सत्तर प्रतिशत जनता हिंदी भाषा का प्रयोग दैनिक जीवन में करती है। पहले हिंदी के संचार का माध्यम सीमित था अखबार ,रेडियो, टेलीविजन, कंप्यूटर, लेपटॉप तथा इंटरनेट की दुनिया ने तो जैसे एक नई क्रांति ही ला दी […]
1.प्रस्तावना- अपनी मिट्टी की महक सी होती है अपनी भाषा। हिंदी हमारी मातृभाषा है ,और लिपि देवनागरी है । बेशक हम कितने ही देशों की भाषा सीख ले, परंतु जब तक हम हिंदी ,यानी अपनी भाषा अपनी मातृभाषा को सीखकर निपुर्ण नहीं हो जाते हैं, तब […]
सोशल मीडिया पर साहित्य -लेखन साहित्यकारों के लिए एक सुनहरा मौका है। जिससे कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास हमारे विचार पहुँच जाते हैं । देश ही नहीं विदेशों में भी बैठे लोग भी साहित्य का आनन्द ले रहे हैं। फेसबुक और साहित्य के ग्रुप […]
राष्ट्रभाषा वह होती है जिसमें समूचा देश अपने भावों को शब्दों में ढालता है और हमारे अंदर के भाव व्यक्त करने वाली हमारी मातृ भाषा है हिंदी। हिंदी को राजभाषा का स्थान 14 सितंबर 1949 मिला […]
” हम सब की जान है हिन्दी। हिन्दुस्तान देश की पहचान है हिन्दी मस्तक पर शोभे चमकती बिन्दी बनकर हिन्दी अपनापन की एहसास पहचान है हिन्दी हिन्द देश की गौरवशाली गाथा की गान है हिन्दी। हमारे राष्ट्र की जान,प्राण राष्ट्रभाषा हिन्दी गौरवशाली शान की पहचान है।हिन्दी हम हिनदुस्तानियों की राष्ट्रभाषा […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।