छोटे बेटे की बीमारी से परेशान सुनीता जैसे तैसे अपने दिन काट रही थी । मजदूर पति सुरेश सुबह ही दिहाड़ी के लिए निकल जाता । मजबूरी थी उसकी बीमार बेटे को अनपढ़ पत्नी के भरोसे छोड़ कर जाना । खुद भी ज्यादा कहाँ पढ़ा – लिखा था वह। आठवीं […]
आज आफिस के लिए घर से निकलने में कुछ देर हो गई तो लगा कहीं आठ बजे वाली बस निकल न गई हो । खै़र, तेज कदमों से चलता बस स्टैंड पहुंचा तो बस चलने ही वाली थी । पहली सीट पर रोज़ की तरह तिवारी जी विराजमान थे । […]
गीतांजलि और सरिता दो ऐसी सहेलियां थी,जो एक दूजे के बिन नहीं रह सकती थी । दोनों के स्वभाव बिल्कुल विपरीत थे । गीतांजलि सरल और शांत स्वभाव की तो सरिता घमंडी प्रवृत्ति की थी । दोनों के विचारों में बहुत अंतर था । गीतांजलि, मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी थी […]
चार भाई बहनों में बड़ी , नाजों से पली राजो का बचपन हंसते खेलते बीत गया था । कैशोर्य की अल्हड़ता और प्रस्फुटित हो रही मादकता ने उसके स्वभाव में चंचलता और स्वच्छन्दता को बढ़ा दिया था। गांव में उसके निखरते रूप और यौवन की चर्चा होने लगी थी। मनचले […]
सीमा के हाथ में जैसे ही उनकी ममेरी जिज्जी अंशु ने विदाई के वक्त टीका कर उन्हें उपहार का पैकिट पकड़ाया तो उनकी आंखें एक पल के लिये विचित्र आश्चर्य के साथ फैल गई, मैं अदद पैकिट भी उनके हाथों में आत्मीयता और पुराना नाता […]
एक बार राधे श्याम की घर की बिजली ख़राब हो गई , उसने अपने दोस्त बलदेव के बेटे राहुल को बिजली ठीक करवाने के बुलाया ! राधे श्याम और बलदेव बचपन के दोस्त थे, इसलिए राधे श्याम के एक बार बुलाने पर बलदेव अपने बेटे राहुल को लेकर राधे श्याम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।