नाजों से पली मिनी को शादी से पहले इस बात की भनक तक न थी कि शादी के बाद उसे प्रतदिन रोना पड़ेगा l संयुक्त परिवार की बेटी मिनी के आँखों में आँसू देख उसके बड़े ताऊ आसमान सिर पर उठा लेते थे l इसलिए परिवार के सभी बच्चे मिनी […]
घूरन की आँखें खुली तो धान के दो बोरे गायब थे। दो दिनों की माथापच्ची,दलालों की चिचौरी और ठेकेदारों तथा खरीदारों की घिनौनी हरकत ने उसे इस कदर थका दिया कि रात बैठे-बैठे ही उनकी आँंखें लग गयीं। गोनर ने कब राजा सल्हेश का किस्सा खतम किया,उसे कुछ भी […]
“हैलो, गुड मारनिंग सर! सिबनाथ बोल रहे हैं. कैसे हैं साहेब?” शिवनाथ ने बैंक के हिंदी प्रकोष्ठ के मुख्य कार्यकारी अविनाश को फोन लगाया था. “बोलो शिवनाथ! आज इतनी सुबह सुबह कैसे याद किया? ” अविनाश ने आश्चर्य से पूछा. “अsssss… सर ! हिंदी दिवस आ रहा है. कुछ बजट […]
“आज रेखा कहाँ रह गईं?” लाइम सोडा पीते हुए अंजू बोली। कहाँ रहेगी रेखा? किट्टी पार्टी तो रेखा की जान है, ये रही रेखा,” सोफे पर बैठते हुए रेखा बोली। “ये मिठाई किस लिए?” रेखा के हाथ में डिब्बे देख अंजू ने पूछा। “ये मिठाई तुम सबके लिए, लो मुँह […]
तनु-राहुल की शादी मे यादगार पलो का साक्षी पूरा शहर रहा। चूंकि राणा जी का अपना रुतबा-अपनी शान है, इसलिए मेहमान भी नामचीन थे, लजीज पकवान और दिल से की मेजबानी ने राणा -शर्मा परिवार को दिल से बधाइयाँ दी। स्वरूचि भोज की लंबी श्रृंखला के मध्य में एक पोस्टर […]
कल शाम सब्जी मंडी में, मीनेष और मै, एक दुकान से तरकारी खरीद रहे थे, दोनो समीप ही थे, मोल भाव किया, तरकारी खरीदी, लाख प्रयास के बाद भी मीनेष नजर बचाते हुए चल दिया। दूसरा दिन, अलसुबह चेहरे की किताब (फेस बुक )पर नजरे दौड रही थी, तभी मीनेष […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।