घूरन की आँखें खुली तो धान के दो बोरे गायब थे। दो दिनों की माथापच्ची,दलालों की चिचौरी और ठेकेदारों तथा खरीदारों की घिनौनी हरकत ने उसे इस कदर थका दिया कि रात बैठे-बैठे ही उनकी आँंखें लग गयीं। गोनर ने कब राजा सल्हेश का किस्सा खतम किया,उसे कुछ भी […]

“हैलो, गुड मारनिंग सर! सिबनाथ बोल रहे हैं. कैसे हैं साहेब?” शिवनाथ ने बैंक के हिंदी प्रकोष्ठ के मुख्य कार्यकारी अविनाश को फोन लगाया था. “बोलो शिवनाथ! आज इतनी सुबह सुबह कैसे याद किया? ” अविनाश ने आश्चर्य से पूछा. “अsssss… सर ! हिंदी दिवस आ रहा है. कुछ बजट […]

“आज रेखा कहाँ रह गईं?” लाइम सोडा पीते हुए अंजू बोली। कहाँ रहेगी रेखा? किट्टी पार्टी तो रेखा की जान है, ये रही रेखा,” सोफे पर बैठते हुए रेखा बोली। “ये मिठाई किस लिए?”  रेखा के हाथ में डिब्बे देख अंजू ने पूछा। “ये मिठाई तुम सबके लिए, लो मुँह […]

तनु-राहुल की शादी मे यादगार पलो का साक्षी पूरा शहर रहा। चूंकि राणा जी का अपना रुतबा-अपनी शान है, इसलिए मेहमान भी नामचीन थे, लजीज पकवान और दिल से की मेजबानी ने राणा -शर्मा परिवार को दिल से बधाइयाँ दी। स्वरूचि भोज की लंबी श्रृंखला के मध्य में एक पोस्टर […]

कल शाम सब्जी मंडी में, मीनेष और मै, एक  दुकान से तरकारी खरीद रहे थे, दोनो समीप ही थे, मोल भाव किया, तरकारी खरीदी, लाख प्रयास के बाद भी मीनेष नजर बचाते हुए चल दिया। दूसरा दिन, अलसुबह चेहरे की किताब (फेस बुक )पर नजरे दौड रही थी, तभी मीनेष […]

आज सुबह से ही फ़ेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर भरे पड़े है, एक पोस्ट के बाद, लाईक, रिप्लाय और कितने लोगों ने पोस्ट देखी,  इस कौतुहल में शाम कब होगी पता ही नही चलेगा। समय-समय की बात है। सोशल मीडिया, पर बने रहना, आज की जिंदगी में मायने रखता है, लिहाजा  आज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।