तरुण अपने किसी काम से ग़ाज़ियाबाद से इलाहाबाद के लिए गया।इलाहाबाद के स्टेशन पर उतरते हुए उसने एक रिक्शा वाले को बुलाया और उसे एक स्थान पर पहुचाने के लिए कहा।रिक्शा वाले ने तरुण को रिक्शा में बैठाया और उस स्थान की और बढ़ गया।लगभग आधे घंटे रिक्शावाला उसके साथ […]

फायदे की बात तो सभी करते है बहती गंगा में डूबकी सभी लगाना चाहते हैं आखिर क्यो नही चाहेंगे जब गंगा ही उल्टी बह जाय और लोगो को मुर्ख बनाकर अपना काम निकाल लिया जाय विडम्बना तो तब होती है जब परिवार के लोग भी ऐसा करते है ।आज की […]

रात गहरा गयी थी, हल्की सी आहट हुई, सुनते ही उसने आँखें खोल दीं, उसके कानों में माँ के कहे शब्द गूँज रहे थे, “सफ़ेद कॉलर और कफ़ वाले लाल कोट के साथ चमड़े की काली बेल्ट और बूट पहने सफ़ेद दाढ़ी वाला सांता क्लॉज़ आकर तेरे लिये आज उपहार […]

        राजीव अपने मज़दूर पिता की उस बात को कभी नही भूलना चाहता जो अक्सर कहा करते थे “महत्वाकांक्षी होने में कोई बुराई नही,ग़लत यह है कि इंसान अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए शार्ट कट रास्ता अपना ले या खुद को ग़लत इरादों,रास्तों पर ढ़केल दे”। […]

आज ‘वटवृक्ष’ में बहुत चहल-पहल थी। सभी आते-जाते मुस्कुराते हुए एक दूसरे को देख रहे थे। रसोईघर से स्वादिष्ट भोजन की खुशबू आ रही थी I ज्योति जी एक सूटकेस में साड़ियाँ पैक कर रही थीं और बाकि लोग वही खड़े बात कर रहे थे I सभी के चेहरे पर […]

एक सेठ ने एक लड़के को इस शर्त पर नौकर रख लिया कि यदि आपने ईमानदारी से काम किया तो 1000 रुपये महीना वेतन मिलेगा। यदि ईमानदारी से काम नहीं किया तो दस दिन के बाद बिना कोई वेतन दिये यहाँ से भगा दिये जाओगे। लड़के ने बड़ी ईमानदारी से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।