कभी-कभी ज़िन्दगी के सफर में हमें ऐसे लोग मिल जाते हैं, जिनसे मिलकर ऐसा लगता है शायद भगवान ने उन्हें हमारे लिए ही इस दुनिया में लाया है… अभी कुछ दिन पूर्व ही मुझे एक बहुत प्रतिष्ठित संस्था के साथ जुड़ने का मौका मिला जो शिक्षा के क्षेत्र में नए […]
आमंत्रण मिलते ही थोड़ी दुविधा भी लगी कि चला जाय या दूरी ,सर्दी ,और समय की बाधाओं से हार कर यहीँ से सन्तुष्ट हो जाएं । आखिर अंदर से आवाज आई कि चलने पर कुछ तो नया मिलेगा ।यही सोच कर सब बाधाओं पर विजय […]
सफरनामा ————– हिंदी उर्दू की गंगाजमुनी धाराओं के बीच कुछ बातें… कुछ यादें स्कूल और कॉलेज के दिनों की… =============== 8 वीं कक्षा के दौरान मेरी पहली कविता ‘तलाश’ विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘अरुणिमा’ में छपी थी। उन दिनों मैं रक्सौल के हजारीमल उच्च विद्यालय का छात्र था। साहित्य मर्मज्ञ […]
अपनी खनकदार आवाज से हिंदी को बुलन्दियों पर पहुंचानेवाले शब्दों के जादुगर जसदेव सिंह को नमन !!! कई पीढ़ियों को अपनी आवाज और शब्दों से झंकृत करने वाले पद्म भूषण और पद्म श्री जसदेव सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। जसदेव सिंह का मंगलवार को राजधानी दिल्ली में लंबी बीमार के बाद […]
आज भी याद आता है अपनी वो पहली रेल यात्रा…कक्षा एक की विद्यार्थी मैं, अशोक कुमार के स्वर में वो गीत ‘रेलगाड़ी छुक-छुक-छुक,बीच वाली स्टेशन बोले रुक-रुक-रुक…’ रेलगाड़ी की कल्पना बस इसी गाने ही से तो थी. पता नही उस दौरान वातानुकूलित बोगी की सुविधा थी या नहीं…हम प्रथम श्रेणी […]
हिंदुत्व का अलख जगानेवाले, नेपाल में ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ’ के संस्थापक, प्रमुख समाजसेवी श्रद्धेय मोहनलाल राजपाल के निधन पर डा. स्वयंभू शलभ ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा को नमन किया। उनके जीवन और कार्यों के बारे में बताते हुए डा. शलभ ने कहा कि स्व. राजपाल ने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।