पौराणिक कथानुसार अयोध्या के प्रतापी राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी,इसलिए उन्होंने ऋषि वशिष्ठ से संतान प्राप्ति का मार्ग  पुछा।ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें संतान प्राप्ति के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाने को कहा।अतः राजा दशरथ ने महर्षि ऋष्यस्रिंग को यज्ञ करने के लिए आमंत्रित किया। यज्ञ पूरा होने के […]

हो रहा अत्याचार मासूमों पर माँ, बिलख रही किलकारी है माँ। ले कर के खड्ग और त्रिशूल माँ, दुष्टों के शीश भेट चढ़ा जाओ। हे माँ प्रचंड रूप धर आ जाओ।। तब कोख में मरती थी कन्या अब तो जन्म के बाद उजड़ती है । पैदा करने वाला बन गया […]

कुम्भ मेले का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है । कुम्भ दो प्रकार का होता है – अर्ध कुम्भ और पूर्ण कुम्भ या महाकुम्भ । कुम्भ मेले का इतिहास लगभग 850 साल पुराना है और ऐसा माना जाता है कि आदि शंकराचार्य जी ने इसकी शुरुवात की थी, परंतु कुछ […]

राम नाम की महिमा को ब्रह्मांड में दो  लोग ही जानते है एक भगवान शिव तो दूसरे उनके पुत्र गणेश … शिव राम नाम के महामंत्र का जाप केवल काशी में करते है और शिव को यह जाप करते हुए गणेश सुनते है ….इसीलिए काशी में मरने वाले व्यक्ति को […]

कल तक जो राम और राम सेतु का अस्तित्व नकार रहे अब गिरगट बन चोला बदले मन्दिर मन्दिर हैं पधार रहे। यह गिरे और गिराया स्तर जिन्दा झूठी शान व आन रहे जनता भी हो गयी जागरूक सिखाती सबक जो याद रहे।।   दो से नवासी सत्ता प्यासी मौज कर […]

।।दोहा।। जयति जय माता सरयू, जय विष्णु अश्रु धार। मोहि पर अब कर किरपा ,करो   मोर उद्धार।। ।।चौपाई।। मानसरोवर निकली धारा । तुम्हरी महिमा अपरम्पारा।। महिमा तुम्हरी कही न जाई।शिवभूमि काली तट कहाई।। शारदा राप्ती है सहायक । छपरा गंगा संग विलायक। मैदान आ   सरयू कहाई । अपन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।