कभी ऐसे भी कुछ झरने खोते रहे हम, बस इक तस्वीर देखकर रोते रहे हम. कभी रातें भी गुलज़ार थी तेरी चहक से, कभी दिन को रात मानके सोते रहे हम. चादर की सलवटों से तेरी महक जाती नहीं, कई दफा मल-मल के उसे धोते रहे हम. मेरी सारी वफायें […]

.               मात नमन हम करें सदा ही, हमको  शिक्षा दान  दो। पढ़ लिख सीखें तमस मिटाएँ, ज्ञान  का  वरदान  दो। अज्ञानता को दूर कर माँ, ज्ञान का  पथ  भान दो। पित,मात,गुरु सेवा करूँ माँ , भाव   संगत   मान  दो। .           ~~~~~~~ मात शारदे वंदन गाता, चरण कमल पखारता। तरनी तार […]

श्री अटल भारत भू प्रिय मनुज, शान सत अरमान है। जन जन हृदय सम्राट बन कवि, ध्रुव बने असमान है। नहीं भूल इनको पाएगा, देश का अभिमान है। नव जन्म भारत वतन पर है , या हुआ अवसान है। .                 ~~~~~ हर भारत का भरत नयन भर, अटल की कविता […]

शीश भानु धारणं नमामि कृष्ण साधकं जटा गंग धारणं कपाल नेत्र धारणं अंग भस्म शोभतम छाल वस्त्र धारणं डमरू नाद शोभिते नटराज नृत्य कर्त्यं हस्त शूल धारणं भुजा भुजंग शोभिते रुद्रमाल गले धारणं विषपान त्वं करोति त्रिनेत्र लाल ज्योति श्मशान रमणं करोति बृषभ त्वं सेवकं गणेश त्वं सुताय कार्तिकेय त्वं […]

जो  वीर  जवान  सीमा  पर  तैनात   रहें उन बलिदानों की कथा भला कोई कैसे कहे कैसे कहें , मां की  ममता भरी वेदना जो अपने लला के लिए अश्रु में डूबी  रहे हर होली और दीवाली लाल की राह तके मुख चन्द्र ललन का देखने को नैना न थके किस […]

पंच तत्व से बना शरीर पंच तत्व मे मिल जाता है ज्योति बिंदू स्वरूप आत्मा इसी से स्थाई नाता है जो भी कर्म करेंगे हम यह आत्मा ही भोगेगी शरीर तो नश्वर है प्यारे सदा साथ नही निभाता है मेरी मानो जग को समझो कौन कहा से आता है आत्मा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।