किसी हाल में न ज़ुल्म से डर जाना चाहिए जी न सको इज्ज़त से तो मर जाना चाहिए ========================== गर चाहते हो याद करें लोग तुम्हें भी जिसका भी हो सके भला कर जाना चाहिए ========================== महफूज़ रहना है तो बनो भीड़ का हिस्सा जिधर की हो हवा बस उधर […]

घर मे रहकर भी सन्त जीवन जी सकता है पूरा परिवार सन्तो जैसा हो सबका आचरण शांति,धैर्य हो सुख का आधार चेहरे पर किसी के तनाव न हो मन में बैर वैमनस्य भाव न हो खुशिया मिले सबको अपार सफलता आती सच में द्वार बस इसके लिए एक ही है […]

लूट के ले गया वो ही शख्स मेरा कारवाँ। शख्स वो जो कभी, रहा था मेरा हमनवाँ। चुप रहने की मुझे तालीम अब देता है  वो शख्स वो जो कभी, रहा था मेरा हमजुबाँ। नवाजिशे,भूलने की इनायत कर रहा है अब शख्स वो जो कभी ,रहा था मेरा मेहरबाँ। अपने  […]

अनुपम धवल पूर्ण चंद्रमा पुलकित हर्षित है सृष्टि शीतल चाँदनी संग हो रही दुर्लभ अमृत रस की वृष्टि शरद ऋतु की  है सौगात शरद पूर्णिमा की ये रात अद्भुत छटा बिखर रही है स्वर्ग सी लगे कायनात । तरू लताएँ भी हर्षाईं धरा गगन देख मुस्काई चाँदनी संग भेजा संदेसा […]

कोयला कितना भी उजला दिखा ले, पर मन का काला तो काला ही दिखेगा, मकड़े का काम है  बुनना जाला, वो  तो  हमेशा जाला  ही  बुनेगा, गिरगिट से ना उम्मीद करना शरिफी कि, बात बात में ये नित नए रूप दिखलायेगा। दोमुहे साँपो का कभी भी विश्वास ना करना। आस्तीन […]

मंजर  मुझे भी  भाने लगा है कोई चेहरा याद आने लगा है आसमां में चाँद खूबसूरत लगे  भौरा कोई   इतराने  लगा  है शरदपूर्णिमा झूम कर आ  गई मस्ती में गीत कोई गाने लगा है सुहाना है मौसम हसीन वादियां दरिया किनारे कोई बुलाने लगा है रात हो  ही गई खिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।