बड़े सुंदर उजियाले थे,जब गाँव के घरों में छोटे से आले थे। दिल मे सच्चाई थी,जब गाँव के चूल्हे पर बनते निवाले थे।। एक साथ चूल्हे के सामने बैठकर खाना खाते भाई सभी। एक दूसरे के लिए मन से साफ,कभी ना मन के काले थे।। लालटेन की रोशनी में रात […]
काव्यभाषा
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