माँ प्यारी भोली सी न्यारी न्यारी हमारी उम्र चाहे जितनी हो दुलराती हँसाती जीने की कला सिखाती ममत्व से भरी मुस्काती मन की बातें समझ लेती अंतर्यामी सी चेहरा पढ़ती आँखों में आँसू विदाई का संतोष अमानत को पाला सोच समझ के रोप दिया नयी जगह नव पौध सा कैसे […]
काव्यभाषा
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