कुण्डलियाँ (1) विषय- अविरल अविरल गंगा धार है, अविचल हिमगिरि शान! अविकल बहती नर्मदा, कल कल नद पहचान! कल कल नद पहचान, बहे अविरल सरिताएँ! चली पिया के पंथ, बनी नदियाँ बनिताएँ! शर्मा बाबू लाल, देख सागर जल हलचल! अब तो यातायात, बहे सडकों पर अविरल! . 👀👀👀 कुण्डलियाँ (2) […]

नमस्कार दोस्तो, मुझे नहीं पहचाना ! कैसे पहचानोगे, अरे आज जब मैं अपने-आप को आईने में देखता हूँ तो मैं ही अपने-आपको नहीं पहचान पाता हूँ, तो आप मुझे कैसे पहचानोगे ? दरअसल क्या है न ! जैसे एक बच्चा बचपन में कितना प्यारा लगता है लेकिन बड़े होते-होते देखो, […]

नया वर्ष था।कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। परंतु एक प्रश्न के कारण मेरे पसीने छूट रहे थे,कि मैं अपनी पुस्तक ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ अपने मित्र समूह, परिवारिक सदस्यों एवं शुभचिंतकों को मुफ्त कैसे दूँ? जिसके कारण बार-बार बुद्धिजीवी लेखकों पर क्रोध आ रहा था।जिन्होंने पुस्तकें मुफ्त बाँटने की […]

साल अपनी ओढ़नी हर साल बदलता है। पुराने दाग-धब्बे, फटन, मैलापन सब निकाल एक नई ओढनी धारण करता है। उस पुरानी ओढ़नी का शुक्रिया करना वह कभी नहीं भूलता क्योंकि उसने उसका साथ पूरे साल निभाया था। यही दस्तूर कई शताब्दियों से चला आ रहा है और आगे भी चलता […]

दिल्ली। अमेरिका की अग्रणी हिन्दी सेवी संस्थान हिन्दी यूएसए ने वहाँ हिन्दी सिख रहें बच्चों को भ्रमण के लिए हिंदुस्तान लाए, उन बच्चों को सोमवार को दिल्ली में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा ‘भाषा सारथी सम्मान’ से संस्थान की दिल्ली प्रदेश अध्यक्षा रिंकल शर्मा द्वारा हिन्दी के सारथियों को सम्मानित किया। […]

21 नए कहानीकार होंगे सुस्थापित! इंदौर। भाषा-संशय-शोधन एवं हिन्दी-व्याकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव एवं आईटीबीपी में उप सेनानी कमलेश कमल द्वारा साहित्य के नव-पल्लव कहानीकारों को आगे लाने का एक अभिनव प्रयास किया जा रहा है। ‘कमल की कलम’ के माध्यम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।