दर्द है तो फिर मुस्कुरायेंगे कैसे कहानी अपनी छूपाएँगे कैसे मीलों चल रहे घर की तलाश में वो अपने वतन को भुलायेंगे कैसे चिंता बेशक भला कैसी न रहेगी दो वक्त की रोटी गरीब लाएंगे कैसे अरमान बिखरे सपने सब चूर हुए ख्वाब भला वो अब सजायेंगे कैसे दास्तान है […]
