श्रीराधे अर्पित करुं,मानस के ये फूल। हे माधव तुमको भजृं,कीजे चरणन धूल।। जय गिरधारी कुंज बिहारी। सारे जग का तू रखवारी ।।1 रास रचैया जय बनवारी । हे मनमोहन कृष्ण मुरारी।।2 संतन रक्षक पीड़ा हारी । दुष्ट विनाशक तू अवतारी।।3 चौसठगुण सब तुमहि जाना। सोलाह कला लिये भगवाना।।4 जनम जेल […]

पूज्यनीय महात्मा चैतन्य मुनि जी का बीती 26 जून 2020 को हृदयाघात से दुःखद निधन हो गया | महात्मा चैतन्य मुनि जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन आर्य समाज व साहित्य साधना को समर्पित किया | सरल हृदय महात्मा जी सार्थक प्रवचनों व उच्चकोटि के लेखन के लिए जाने जाते हैं […]

गांधी तेरे तीन बंदर,नेताओ के भेष में। लूट खसोट ये कर रहे,अब तेरे देश में।। नही सुनते नहीं देखते,क्या हो रहा है इस देश मै। गूंगे बहरे अंधे बने हुए है,कुछ नहीं करते देश में।। बैठ जाते है राजघाट पर,तेरा मार्ग दिखाने को। मुख में राम बगल में छुरी,दौड़ पड़ते […]

कोरे कागज पर लिखने को लोग। अपनी कहानियां छोड़ जाते है। तभी तो लेखक कुछ लिख पाते है। और लोगो जिंदगी के मायने बताते है।। प्यार मोहब्बत से, जीना चाहता हूँ। आपकी बाहों में, झूलना चाहता हूँ। जब से दिल, तुमसे लगा है। जिंदगी जीने का, अर्थ समझ आया है।। […]

पृथ्वी हूं , सूर्य की परिक्रमा को , भला छोड़ दूं कैसे ? पाती हूं जीवन तुमसे, जीवन को भला छोड़ दूं कैसे ? तेज से तुम्हारे ,बोती हूं नए ख्वाबों को पाती हूं एहसासों की फसल को फसल को भला छोड़ दूं कैसे ? चलती हूं संग तुम्हारे ,कदमों […]

मात्रा भार-यति-14-14* वज़्न-2122-2122-2122-2122,अर्कान-फाइलातुन×4 बारिशों में गीत भीगे, बादलों ने कह सुनाया। पावसी घनघोर मौसम, गीत सब ने गुनगुनाया। * बैठ पादप कूक मारे,वो पपीहा है मगनमन। आज हर्षित है भुवन पर,आज रमणी का विकल मन। * शोर में था मोर नाचा,मोरनी ने सुर लगाया। पावसी घनघोर मौसम, गीत सब ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।