जो होना है वह होकर रहेगा कालचक्र यूं ही चलता रहेगा जन्म से लेकर मृत्यु तक का जीवनचक्र यह चलता रहेगा इसमें परिवर्तन संभव नही है इसमें दखल भी उचित नही है सूर्य,चन्द्रमा, पृथ्वी गतिमय है स्वांसों का तो सीमित समय है हर एक स्वांस सार्थक बना लो ईश्वरीय याद […]

आज तक मुझे जार -चिंतन का मर्म समझ में नहीं आ सका. यदि यह किसी कुंठाग्रस्त मर्द का चिंतन है, तब मुझे कुछ नहीं कहना. लेकिन यदि कोई इसे गंभीरता से लेता है , तब मैं बहस के बीच होना चाहूँगा. एक अधिकारी लेखक धर्मवीर के हवाले से इस बहस […]

जगुआ को मरे आज पूरे पन्द्रह साल हो गये | उसकी बेटी भूरी जवान हो चुकी है | उसके जैसी सुंदर चाल-ढाल वाली लड़की पूरे गांव में तो क्या पूरी तहसील में नहीं है | उसके सौन्दर्य पर पागल हो रहे गाँव के मुखिया का लड़का साहिल हमेशा इसी ताक […]

कल से कल तक में आज को ढूंढ रहा हूँ। जीवन के बीते पलो को, आज में खोज रहा हूँ। शायद वो पल मुझे आज में मिल जाये।। बीत हुआ समय, कभी लौटकर नही आता। मुंह से निकले शब्द, कभी वापिस नही आते। इसलिए बहुत तोलमोल कर, शब्दो को सदा […]

खबरों की भीड़ में , राजनेताओं का रोग है . अभिनेताओं के टवीट्स हैं . अभिनेत्रियों का फरेब है . खिलाड़ियों का उमंग है अमीरों की अमीरी हैं . कोरिया – चीन है तो अमेरिका और पाकिस्तान भी है . लेकिन इस भीड़ से गायब है वो आम आदमी जो […]

दि 26/8/20 को साहित्यिक पेज “एवरीथिंग न्यूज़ एमपी” पर वरिष्ठ साहित्यकार चालीसा सम्राट डॉ दशरथ मसानिया द्वारा लाइव काव्यपाठ किया गया। जिसका उद्देश्य “जागरूक प्रतिभा – जागरूक समाज” को सफल बनाने में इनके योगदान हेतु डाॅ मसानिया को टी वी टीम द्वारा सम्मानित किया गया है। उल्लेखनीय है डॉ मसानिया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।