केन्द्रीय विद्यालय संगठन मुख्यालय, नई दिल्ली एवं क्षेत्रीय कार्यालय तिनसुकिया, असम ने कोरोना काल के विषम परिस्थितियों में आधुनिक तकनीक के माध्यम से शिक्षा जगत में  अपनी सराहनीय एवं महती भूमिका निभाने वाले देश के विभिन्न राज्यों के  25 सक्रिय एवं सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों की सूची में केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली, […]

दुनिया में सर्वाधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली हिंदी भाषा अपने ही घर में विमाता बनाई गई है। गणतन्त्र भारत के सत्तर साल होने के बावजूद भी हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा का छोटा सा सफर भी तय न करने दिया गया। दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में राजनीतिक उथल पुथल […]

नमस्कार! प्रणाम! हम भूल चले, हैलो! हाय! बाय! हम बोल चले। चरण स्पर्श! भूल चले, आलिंगन को हाथ बढ़े। संस्कृति को भूल चूकें, विकृति को बढ़ चले। पौराणिकता को भूल चले, आधुनिकता को हाथ बढ़े। अपव्यय पर हाथ रूके, मितव्यय पर हाथ बढ़े। कृत्रिमता को भूल चले, अकृत्रिमता को बढ़ […]

उपजाऊ जमीन का खराब होकर बंजर हो जाने की प्रक्रिया मरुस्थलीकरण कहलाती है, जिसमें जलवायु परिवर्तन तथा मानवीय गतिविधियों समेत अन्य कई कारणों से शुष्क,अर्द्ध-शुष्क और निर्जल अर्द्ध-नम इलाकों की जमीन रेगिस्तान में बदल जाती है, फलस्वरूप जमीन की उत्पादन क्षमता में भारी कमी हो जाती है।भारत में लगभग 30 […]

श्राद्ध की सप्तमी तिथि मे ईश्वरीय अनुकम्पा हुई थी नये शरीर मे आत्मा हमारी अवतरित धरा पर हुई थी पूर्व जन्म के सद्कर्मों से प्रकाशवती मां बनी हमारी इस जन्म में कुछ अच्छा करुं पिता ऊंगली पकड़ चले हमारी जीवन के कठिन संघर्षों में भी पिता मदन लाल ने हार […]

जनता चुप क्यों है हंसी ठिठोली बहुत हुआ, अब गांडीव सी टंकार करों। या केशव के पांचजन्य सा, प्रलयी प्रचंड हुंकार करों। वोटों के लालच में देखो, घोषणा कैसी होती है। देश द्रोहियों को भी अब, फूलों की स्वागत होती है। कोई भी उठ कर आता है, उलूल जूलूल बक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।