निष्काम कर्मयोगियों में अग्रणी विनोबा जी अपने जीवन में ज्ञान और कर्म को साधने तथा उनके बीच उत्पादक सामंजस्य बैठाने की सतत कोशिश करते रहे । ईश्वर -प्रणिधान और आध्यात्मिक जीवन को अपने निजी अनुभव में लाते हए विनोबा जी ने साधु – जीवन जिया और समत्व योग में अवस्थित […]

बोलने को तो सभी बोलते हैं। नदी, नाले, समंदर, झरने भी बोलते हैं। पशु-पक्षी भी बोलते हैं। महसूस करें तो विनाश के पूर्व और बाद का सन्नाटा भी बोलता है। किन्तु ये सब सिर्फ बोलते हैं या सिर्फ चुप रहते हैं। इंसान ही ऐसा है जो बोलकर भी चुप रह […]

कोरोना काल की इस वैश्विक महामारी ने एक पूरे वर्ष को ऐसे निगल लिया कि लगता ही नहीं, यह वर्ष कैलेंडर में कभी आया भी था। जैसा कि सबको पता है, सरकारी नौकरियों में सेवानिवृत्ति और पदग्रहण दोनों की एक समय सीमा होती है, ऐसे में उम्र के उस इन […]

कहते हैं ना प्यार अपने लिए तो सब चाहते पर जब बात दूसरों की आये तो कीचड़ उछालने से जरा भी नहीं चूकते। शायद ही इस धरती पर ऐसा कोई हो जिसने प्यार न महसूस किया हो। भला इत्र पर भी कोई पर्दा डाल सकता है। इत्र की शीशी रूपी […]

छोटा बेटा जब लेने आया तो मां को यह समझ आ गया था कि बङ़े बेटे के यहां रहते हुए एक महीना बीत गया है। शरीर में शक्ति नहीं थी,मन बैचैन हो रहा था, दिल बैठा जा रहा था, ऐसे में छोटे बेटे के घर सीढ़ियां चढ़ाना वश में नहीं […]

सुबह उड़ते-उड़ते पंक्षी बोले, प्यारे बच्चों क्या हाल-चाल हैं। सुबह से तुम लिखते रहते हो, सचमुच सब बच्चे कमाल हैं।। बच्चों कुछ लिखो हमारे बारे में भी, हम कठिन दौर से गुजर रहे हैं। हमकों खाना कहाँ मिलेगा अब, धरा पर मानव जंगल काट रहे हैं।। तोता मैना चिड़िया कोयल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।