परमात्म याद में खाना बनाओ परमात्मा को फिर भोग लगाओ यह भोग ही प्रसाद बन जाएगा स्वाद भोग का स्वत:बढ़ जायेगा रहे ध्यान सात्विक हो भोजन परमात्म याद मे करिए भोजन यह भोजन गुणकारी होगा तन और मन का पोषण होगा स्वस्थ बुद्धि स्वस्थ मन हो जाएगा परमात्ममय जीवन हो […]

कौन किस का होता है इस बनावटी जमाने में। जहाँ हर कोई नाटक करता है समयानुसार। और बदल जाते है तब जब उसे फायदा होता है। और भूल जाते है सब तुम्हारे सारे उपकारो को।। समय की आज कल बहुत मांग होती है। अपने फायदे के लिए फसा देते है […]

भला लोग क्यों खंजर उठाने लगे और दहशत का मंजर बनाने लगे जान के दुश्मन बन गए भाई भी वो कौन लोग आपस मे लड़ाने लगे कदर ना रही रिश्ते नातों की यहाँ अपने ही अपनो को मिटाने लगे हा ये कलयुग है कहते है जब सभी आम है वो […]

कितना साले और बहनोई में प्रेम भाव था। दोनो का देवलोक गमन तीन दिन में हो गया। न उन्होंने एक दूसरे को एक साल से देखा। पर जाते जाते अपना स्नेहप्यार सबको दिखा गये।। दोनो ही मुझे बहुत प्यारे थे मेरे लिए आत्मसम्मानीय थे। दोनो ही गोलालरिया जैन समाज में […]

नए साल का नया त्योहार लाऊंगा करीब से देखो – बहुत सितारों में मैं एक नई रोशनी लेकर आऊंगा मैं तुम्हें न्याय के दिन के करीब लाऊंगा मैं तुम्हारी इन बेदम सांसों के लिए एक उद्देश्य लाऊंगा कड़वी यादें जो रह जाती हैं मैं उन्हें भूलने का एक तरीका लाऊंगा […]

नये साल के जश्न में डूबी रात मुबारक हो वही मुल्क और वही हालात मुबारक हो । वही सुबह, वही शाम, वही नाम ,वही काम वही उम्मीदों की झूठी सौगात मुबारक हो । वही मिलना, बिछड़ना,रूठना और मनाना ज़िंदगी से फिर वही मुलाकात मुबारक हो । तकनीकी तरक़्क़ी और खोखली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।