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क्या गति कर डाली है हिन्दी की हिंदुस्तान में, क्षत-विक्षत हो हिन्दी रोती इंग्लिश के कूड़ेदान में। इंग्लिश यहाँ संभ्रांतों की अब भाषा समझी जाती है, हिन्दी हर एक सभा में अब जाने से कतराती है। पहन मातृभाषा का चोला दर-दर की ठोकर खाती है, गैरों की है क्या बिसात,अपनों […]

एक अख़बार में निविदा विज्ञापन, दहेज़ के दानव के विनाश हेतु चाहिए एक बाण.. ऐसी निविदा पढ़ने के बाद दिल को हुआ आराम। वर्तमान परिदृश्य में, बहुएं जली-जलाई जा रही.. ऐसे हादसों के कारण गांवों  के कुएं की चरखियां,घट्टियों की आवाजें, ख़त्म होती जा रही। बाजारों में फ्रेमों के,कब्र के […]

यहाँ फिल्म पंजाबी परिपेक्ष्य पर आधारित है,जहाँ अंधविश्वास में मांगलिक होने पर पहली शादी पेड़ से हो जाती है सूरज शर्मा की और यहीं से शुरु होती है फ्रेंडली भूत की रोमांटिक कॉमेडी। इस फिल्म में सुंदर विशेष दृश्य प्रभाव हैं। फ़्रेंडली और खूबसूरत भूत की एंट्री और भी बहुत […]

शब-ए-इंतज़ार में सितारे टिमटिमाते रहे, चाँद बे-ख़ौफ़ खिलखिलाता रहा। रो पड़ी शबनम आकर जमीं के आगोश में, सहर भी न थी अपने होश में। जो पूछा क्या हुआ जबाब एक आया, तपता है सूरज पिघलते हैं हम। हर बार इल्जाम क्यों हम पर ही आया, ज़माने ने शबनम के पैरों […]

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महिला दिवस आते ही पुरुषों का घड़ियाली आंसू बहाना शुरू हो जाता है। कविता,लेख,कहानी आदि-आदि द्वारा स्त्रियों के लिए सम्मान की भावना अचानक तूफान बन कहाँ से टूट पड़ती है कि, नारी तुम देवी हो,तुम सृष्टि की रचयिता हो, तुम्हारे बगैर कुछ भी सम्भव नहीं है वगैरह-वगैरह…। समझ नहीं आता […]

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वक्त की आंधी में न जाने कितने लोग बह रहे हैं, अपनी सांसों को फिजूल ही अलविदा कह रहे हैं। रोज घटनाओं के काले पन्ने अखबारों में दिखाई देते हैं, छोटी-छोटी बातों में भी बिना सोचे जहर पी लेते हैं। तनावों की परिधि में रहकर अपने भीतर शैतान जगा देते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।