माँ के आँचल में, सारी दुनिया समाई है। चाहे कितना भी कमा लें, इससे बढ़ के न कोई कमाई है॥ जाने कितने दुखों को सहकर, खुद भूखा और तेरा पेट भरकर। सारी खुशियों से झोली तेरी भरी, तो आज कमाने लायक हालत आई है॥ जब भी तुझको बुखार आया, पूरी […]
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पूर्वज हैं हमारी जिंदगी का व्याकरण, जिन्होंने किया सबकुछ हमें समर्पण। इनके सदगुणों का करें अनुसरण, पितृगण हैं हमारे संस्कारों का दर्पण॥ विश्व व्याप्त वसुदेव-प्रेम का कर समर्थन, गाय,ब्राह्मण,श्वान,काग,को करें भोज अर्पण। क्योंकि श्राद्ध पक्ष में करते पितृ धरा पर भ्रमण, धूप ध्यान से होता पितृदोष-ऋण का निवारण॥ सर्वपितृ अमावस्या […]