विधाता ने श्रृष्टि बनाई और उसके नियम बनाये। जिन्हें पृथ्वीवासियों को मानना सबका कर्तव्य है। अब हम माने या न माने ये सब पर निर्भर करता है। क्योंकि विधाता ने तो सब कुछ आपको दिया।। भावनाओं से ही भाव बनतें है। भावों से ही भावनाएं चलती हैं। जीवन चक्र यूँ […]

हो तिमिर कितना भी गहरा; हो रोशनी पर लाख पहरा; सूर्य को उगना पड़ेगा, फूल को खिलना पड़ेगा। हो समय कितना भी भारी; हमने ना उम्मीद हारी; दर्द को झुकना पड़ेगा; रंज को रुकना पड़ेगा। सब थके हैं, सब अकेले; लेकिन फिर आएंगे मेले; साथ ही लड़ना पड़ेगा; साथ ही […]

सुख दुःख जीवन के पहिये चलते है दोनों साथ साथ धुप छाँव सी गति है उनकी गम कही खुशियों की सौगात दुःख अगर है सुख भी आएगा तमस बाद प्रकाश छाएगा खट्ठा मीठा स्वाद सा जीवन प्रभु याद से हो सन्जीवन व्यर्थ चिंतन तनाव ही देता परमात्म चिंतन शांतिदाता ।#श्रीगोपाल […]

लौटा दे कोई बचपन अब हमारा, उसका एहसान सदा मानेंगे हम।। कागज की किश्ती बनाते थे हम, किश्ती बनाकर उसे तैराते थे हम। डूब जाती थी जब किश्ती हमारी, ताली बजाकर खूब हंसते थे हम।। गरजते थे जब बादल डरते थे हम, डरकर मां की गोद में छिपते थे हम। […]

शून्य में देखता हूं तो शून्य ही नज़र आता है आत्म स्वरूप में झांका तो स्वयं में स्वयं नज़र आता है अन्तःकरण में झांका तो परमात्मा नज़र आता है यानि जैसा हम चाहते है वैसा ही हम देखते है जैसा भी हम चाहते है वैसा ही हम कर सकते है […]

इन्दौर। भाषा एवं मानव मात्र की सेवा के लिए संकल्पित मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रकल्प सेवा सर्वोपरि को ख़बर भड़ास एवं दैनिक लोकहित ख़बर के प्रधान संपादक जगदीश जोशी ‘प्रचण्ड’ द्वारा 125 बोतल (100ML) सेनेटाइज़र वितरण के लिए उपलब्ध करवाया गया। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।