मेरी नजरों में ठहरा वो चेहरा खास है । लाख मुझसे दूर सही पर दिल के पास है ।। एक पल भूले नहीं आहटे आती रहीं । तेरी चाहत का ही दिल को आभास है ।। शोखी तेरी वो शरारत करती थी दीवाना । अब तलक मुझको तो जाना अहसास […]
(सवैया छंद – भुजंग प्रयात) मिला खून माटी उगाता हूँ दाना,यही साधना मैं इसी का पुजारी ! नहीं धूप देखूँ नहीं छांव देखूँ , पड़े पाँव छाले नहीं है सवारी !! मरूँ भूख से या चवा जाय कर्जा , नहीं रात देखूँ न देखूँ सवेरा ! न देखूँ उजाला न […]
सुबह के आठ बज चुके थे परन्तु मंत्रीजी अभी भी ओंधे मुँह बिस्तर पर पड़े-पड़े अजीबो-गरीब आवाजें निकाल रहे थे | तभी उनका निजी सहायक आ धमका – ‘सरजी-सरजी ! आठ बज गए और आज विश्वयोग दिवस का कार्यक्रम है | आपको मुख्य योगाचार्य की भूमिका निभाने जाना है |’ […]
कुछ नया कुछ पुराना जमाना, हमें आज याद आ रहा है। कितने अच्छे और सच्चे लोग होते थे तब के। झूठ कर कोई बुलाये तो, सच्च में समाने होते थे। पर आज यदि सच में बुलाये, तो झूठकर भी नहीं आते हैं। कितना सब कुछ बदल दिया, लोगों के स्वार्थ […]
मेरी मोहब्बत को मेरी चाहत को उसने ऐन वक्त पर नामंजूर कर दिया कभी अपना बनाने की कसमें खाई देखो आज उसी ने मुझे खुदसे दूर कर दिया दर्द आसूँ सितम खामोशी से हमने सहे इन सब जख्मों को देकर भी मुझे बेवफा से मशहूर कर दिया यूँ तू हसरत […]
प्रेम की कविताएं,भाषा की शुद्धता, रस की गहरी समझ, और बतौर हिन्दी को विद्यार्थियों को पढ़ाने के चलते लेखक की रचनाधर्मिता उनके लेखन में दिखाई देती है। उनकी नज़्म ‘बहारें’ से शुरुआत होती पुस्तक कशिश में लेखक ने अपने प्रिय के इन्तजार को दर्शाया है। इसके बाद ‘दास्तां ए मोहब्बत’ […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।