उठा कलम तू तूणीर से यही तेरी तलवार है। छद्म आवरण ढके हुए जो उनको यही ललकार है। झूठ का अनावरण सच को न ढक पायेगा तू निडर निर्भीक बढ़ घनघोर अंधेरा छंट जाएगा। तू आवाज है दिन की सिक्कों की झनकार नहीं ईमान तेरा नीलाम हो मरा है वो […]

पटना | बिहार के लेखक आशुतोष कुमार झा को साहित्य संगम संस्थान नईदिल्ली द्वारा 8/1/2020 को वर्ष भर लिखी गयी साहित्यिक रचनाओ का मूल्यांकन कर संस्थान ने”साहित्य सारथी गौरव सम्मान-2019″ से सम्मानित किया है।यह सम्मान देश के उन रचनाकारों को प्रदान की गयी जिन्होने विभिन्न सामाजिक राजनीतिक और सांस्कृतिक समस्याओं […]

इंदौर । हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत संस्था मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा विश्व हिंदी साहित्य परिषद्, भारत के अध्यक्ष एवं गगनांचल के सह संपादक आशीष कंधवे जी को विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष […]

कूड़ा करकट यहाँ-वहाँ मत फैलाओ कूड़ेदान में ही कूड़ा डाल के आओ आओ-आओ प्यारे-प्यारे बच्चों आओ एकसाथ मिलकर भारत स्वच्छ बनाओ स्कूल हो या घर, सड़क हो या मैदान सर्वत्र चलायें स्वच्छता अभियान स्वच्छ रहे परिवेश हमारा करलो ये प्रण निश्चय ही बलवान बने अपना तन-मन बापू ने स्वच्छता की […]

विश्व की राजनीति में एक ऐसी दर्दनाक घटना जिसने सम्पूर्ण विश्व को फिर से एक बार भीषण आग में ढ़केलने का प्रयास किया। जिससे कि पूरे विश्व में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। विश्व के सभी देश इस कदम पूरी तरह से भयभीत हैं। पूरी दुनिया एक बार फिर […]

इंदौर। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी साहित्य के नक्षत्र 95वें वर्षीय साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र जी को दिल्ली में हिन्दी गौरव सम्मान दिया गया। आपने संस्थान के प्रकल्प हिन्दीग्राम के बारे में विस्तार से जाना तथा यह भी जानना चाहा कि विश्व रिकॉर्ड […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।