प्राची के तट से उठकर दिनकर मुस्काये। खग कुल ने मधुरस में भींगे गीत सुनाये।। कर्मवीर चल पड़े सपन को पूरा करने। जिससे जितना हो सम्भव,पर पीड़ा हरने।। अगर उठे हो ऊपर तो सूरज बन जाओ। होकर धुर निष्पक्ष धरा रौशन कर आओ।। सागर बनने की इच्छा यदि मन में […]

यूनेस्को ने 21 फरवरी को ‘मातृ भाषा दिवस’ मनाने का निश्चय करने के बाद भारत सरकार ने भी इसका फरमान जारी किया है और इसके आयोजन के निर्देश दिए हैं. शैक्षिक संस्थानों द्वारा आयोजित किए जाने वाले कृत्यों की सूची में अब यह भी शामिल है. ऐतिहासिक रूप से यह […]

कलियुग की विदाई का आभास है शिव रात्रि अंधकार से प्रकाश का आगाज़ है शिव रात्रि ज्ञान के सूर्योदय की मधुर बेला है शिव रात्रि शिव के अवतरण की मधुर याद है शिव रात्रि शिव परमात्मा नमः का उदघोष है शिवरात्रि पतित से पावन बनाने की शुभ घड़ी है शिवरात्रि। […]

जन्म के समय जो मिली वही भाषा होती महान मातृभूमि जितनी पावन मातृभाषा को भी जान मातृभाषा ह्रदय की भाषा सरल सबसे उसको जान अभिव्यक्ति में सशक्त बहुत लेखन में भी प्रबल जान मातृभाषा ईश्वरीय भाषा उसी में पाओ प्रभु का ज्ञान जन्म की भाषा हिंदी है दुनिया मे बस […]

इंदौर । सर्वाधिक हिंदी प्रेमियों से सुसंगठित हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ 24 फरवरी 2020, सोमवार को हिंदी पत्रकारिता के शिखर व दशकों तक नईदुनिया के प्रधान संपादक रहे पद्मश्री अभय छजलानी व अज्ञेय के चौथा सप्तक के अग्र कवि, वरिष्ठ साहित्यकार राजकुमार कुम्भज को […]

हमारे देश में गणित को हम हमेशा कठिन विषय मानते हैं पर यह बात गलत है। गणित से सरल कोई विषय नहीं है। छोटी क्लास के बच्चों को पहाड़े कठिन पड़ते हैं। पर उनको सरल बनाया जा सकता है। गणित के ही शब्द में उसका अर्थ छुपा है, यह कहना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।