प्राची के तट से उठकर दिनकर मुस्काये। खग कुल ने मधुरस में भींगे गीत सुनाये।। कर्मवीर चल पड़े सपन को पूरा करने। जिससे जितना हो सम्भव,पर पीड़ा हरने।। अगर उठे हो ऊपर तो सूरज बन जाओ। होकर धुर निष्पक्ष धरा रौशन कर आओ।। सागर बनने की इच्छा यदि मन में […]
इंदौर । सर्वाधिक हिंदी प्रेमियों से सुसंगठित हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ 24 फरवरी 2020, सोमवार को हिंदी पत्रकारिता के शिखर व दशकों तक नईदुनिया के प्रधान संपादक रहे पद्मश्री अभय छजलानी व अज्ञेय के चौथा सप्तक के अग्र कवि, वरिष्ठ साहित्यकार राजकुमार कुम्भज को […]