अहंकार है शत्रु बड़ा रहता है पास खड़ा नज़र कही आता नही हमसे दूर जाता नही मन के किसी कोने में जगह अपनी बनाता है जब भी अवसर मिलता हावी वह हो जाता है काम,क्रोध,मोह,लोभ भाई इसी के होते है अहंकार के आने पर वे दौड़े चले आते है विनम्रता […]

रामजन्मभूमि पर भूमिपूजन अपनी दिव्यता की ओर है, यह केवल एक मंदिर बनने का उत्सव नही। यह भारत के राष्ट्रपुरुष के राष्ट्रीय स्वाभिमान बनने का उत्सव है। जब देश की सभ्यता और संस्कृति की पहचान पूछेंगे, तो हम गर्व से कह सकेंगे कि अयोध्या हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति की अमूल्य […]

हरियाणा के प्रथम राज्यकवि स्वर्गीय श्री उदय भानु हंस जी का जन्म 2 अगस्त 1926 को हाल पाकिस्तान में सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ। माता श्रीमती गणेश देवी तथा पिता पंडित विश्वनाथ शर्मा प्रकांड विद्वान थे। हंस जी की प्राथमिक शिक्षा गांव से तीन कोस दूर के स्कूल में हुई। […]

छोटी बड़ी बहिनों का, हमे मिलता रहे प्यार। क्योकि मेरी बहिना ही, है मेरी मातपिता यार। जो मांगा वो लेकर दिया, अपने आपको सीमित किया। पर मांग मेरी पूरी किया, और मेरे को खुश करती रही। मेरी गलतियों को छुपाती रही, और खुद डाट खाती रही। पर मुझे हमेशा बचती […]

आफिस में आज बोतलदास की काफी चर्चा थी। जो भी कार्यालय में दाखिल होता वह उसकी ओर मुखातिब होता और उसके बालों की तारीफ करता। उससे पूछता-बोतलदास तुमने इतनी अच्छी हेयर कटिंग किस सैलून में करायी। कोई पूछता-यार लाक डाउन के दिनों में सरकार ने सैलून बंद कर रखें है […]

भव्य रहा बोली संवर्धन कार्यक्रम सम्पन्न,गीता गुप्ता मन की अवधी बोली सावन में मनभावन करती पंक्ति “झूला परिगे है निबिया के डार,चलो गुइआ झूले चली” हर एक को की आकर्षक* साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा आज 02 अगस्त 2020 को बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, कार्यक्रम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।