फूल बन कर मुस्कराना जिन्दगी है l मुस्कारे के गम भूलाना जिन्दगी है l मिलकर खुश होते है तो क्या हुआ l बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है।। जिंदगी जिंदा दिलो की आस होती है। मुर्दा दिल क्या खाक जीते है जिंदगी। मिलना बिछुड़ जाना तो लगा रहता है […]
गुरुदेव के करकमलों से ‘मातृभाषा-भाग तीन’ विमोचित इंदौर। हिन्दी भाषा हमारे संस्कारों की जननी है, भाषा को निर्दोष रखें, इसी में राष्ट्र की प्रगति निहित है। उक्त विचार संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज द्वारा मातृभाषा उन्नयन संस्थान से जुड़े रचनाकारों के हिन्दी भाषा को प्रचारित करने वाली कविताओं के […]
