साहित्यकार होने की पहली शर्त बेचैन होना है- श्री कोकजे शब्दों की आराधना है कवि सम्मेलन – शशिकान्त यादव इन्दौर। कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष में डॉ. कुँअर बेचैन जी की जन्म जयंती के निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान व डॉ. कुँअर बेचैन स्मृति न्यास, ऑस्ट्रेलिया द्वारा काव्य कुँअर व काव्य दीप […]

शब्दांजलि ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ शुक्रवार शाम यानी 28 जून 2024 को व्यास सम्मान प्राप्त प्रो. शरद पगारे ने अंतिम सांस लेकर नश्वर देह को त्याग दिया। गुलारा बेगम, पाटलीपुत्र की साम्राज्ञी जैसे कई उपन्यास से साहित्य और हिन्दी को बलवान बनाने वाले पगारे जी की वह खनकती आवाज़ […]

● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ धरा पर एक ओर ताप बढ़ा हुआ था, कुछ बौछार मिट्टी के सूखेपन को कम कर रही थीं, इसी बीच गुलारा बेगम जैसे किरदार को जनमानस के बीच में पहुँचाने वाले कुशल कुम्भकार की महायात्रा की ख़बर ने झकझोर दिया। मालवा-निमाड़ ही नहीं अपितु देशभर […]

हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग का हीरक जयंती (75वाँ) अधिवेशन 23, 24, 25 जून 2024 को कोरापुट उड़ीसा में सोल्लास और सोउद्देश्य सम्पन्न हुआ। अधिवेशन हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग एवं केन्द्रीय विश्वविद्यालय उड़ीसा के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय प्रांगण में सम्पन्न हुआ जिसके मुख्य अतिथि हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति […]

इंदौर (म.प्र.) साहित्य राष्ट्र का दर्पण हेता है | प्रत्येक साहित्यकार अपनी रूचि के अनुसार विविध विधाओं के माध्यम से अपने लेखन धर्म को संपन्न करता है किन्तु राष्ट्र हित व राष्ट्र उत्थान सदैव साहित्य का मूल रहा है | राष्ट्रीय चिंतन के इसी क्रम में यदि किसी क़लमकार को […]

भारतेन्दु मण्डल की अंतिम आभा रहे रत्नाकर इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर द्वारा कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में मंगलवार को सुप्रसिद्ध साहित्यकार, बृज भाषा की लब्धि जगन्नाथ दास रत्नाकर को आदर के साथ स्मरण किया। उनके जीवन चरित्र और कृतित्व पर साहित्यमंत्री डाॅ. पद्मा सिंह ने विस्तार से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।