चाँद को भी आज आ जाएगा फिर से रोना, मजहबी भेद में आज पृथक पड़ेगा निकलना। चाँद देख के रोजा खोले, कोई आपा सकीना। चाँद से करवा का व्रत, खोले कोई बहन मीना॥ चाँद को भी एक नभ में दो रुपों में पड़ेगा जीना, मीना हो या सकीना तप में […]
शिव में मात्रा…जीवन की है.. शिव ही तो है…खेंवईया, शिव तांडव से…नृत्य कलाएं.. शिव डमरू से…स्वर-लहरियां॥ शिव से ही है…वशीकरण तो.. शिव से ही…उच्चाटन है, शिव से ही है…सुंदरता तो.. शिव ही सत्य…सनातन है॥ शिव से ही…मानवता पलती.. शिव ही करते…रखवारी, शिव कण्ठ में…गरल समाया.. शिव मस्तक पर…गंगझारी॥ शिव त्रिशूल […]