कुछ रुखा-सा,कुछ सूखा-सा , मोहब्बत में मेरी,बहुत कुछ है टूटा-सा। कुछ बिखरा हुआ-सा,कुछ संवरा हुआ-सा, वफ़ाओं के दर्पण में बहुत कुछ है चटखा-सा। कुछ यादें तेरी कुछ आहें मेरी, अश्कों से मेरे,बहुत कुछ है पिघला-सा। वो जाना तेरा,टूट जाना मेरा, अहसासों का मेरे,कहीं छूट जाना-सा। लौटकर आने की तेरी उम्मीदों […]

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मुरारी का सौदा नहीं बैठ रहा था। उसने कहा-‘पटवारी साहब ! मैं १२००० रूपए दिलवा सकता हूं,जिसमें मेरा हिस्सा ४००० रूपए रहेगा।’ मगर,राजू पटवारी नहीं मान रहा था।वह नशे में झूमते हुए कह रहा था-‘रूपए तो २०००० लगेंगे। साहब को भी देना पड़ते हैं’। उसने अपना फरमान सुनाया था कि […]

चंदन लगा के चंदन,जब वीर बढ़ चला। हाथों में था तिरंगा,दुश्मन से अड़ चला॥ नारे लगाए उसने जय हिंद जय हो भारत। मोमिन थे उसके सन्मुख,बैरी से लड़ चला॥ खाई थी उसने गोली जब सुन्न पड़ चला। हिंदू के गाल पर फिर तमाचा जड़ चला॥ पालो न नाग काले,सर्पों को […]

फ़ोन पे मेरा हाल पूछता, हाल क्या तुझे सुनाऊँ मैं। पास मेरे आ बैठ जरा तू, खोल के दिल बतलाऊँ मैं॥ भूल गया तू दिन क्या अपने, साथ जो हमने बिताए थे साज-बाज वो गीत कहाँ है, साथ जो हमने गाए थे। हाथ में लेकर हाथ बैठ तू, गीत पुराने […]

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  हिसार। बेहतरीन कार्यों के लिए रोहतक निवासी लेखिका सुषमा मलिक को राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया गया। हिसार में हुए इस समारोह में सुषमा मलिक को ‘सांझी सोच सम्मान’ से  अलंकृत किया गया। मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा रहे।  अध्यक्षता कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश […]

मध्यप्रदेश में फ़िल्म प्रदर्शित नहीं हुई,इसलिए बड़ी मशक्कत से फ़िल्म तक पहुंचा,तो खैर निराशा नहीं हुई है।निर्देशक-लेखक संजय भंसाली,प्रकाश कापड़िया की इस फिल्म में कलाकार- रणवीरसिंह,दीपिका,शाहिद कपूर , अदिति राव,रज़ा मुराद,अनुप्रिया गोयनका और जिम सरभ हैं। इसकी अवधि १६३ मिनट तथा छायाकार सुदीप चटर्जी है। इस आलेख को केवल समीक्षा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।