जो  संग  तेरे  चल  रहा                           तेरा  ही  चुनाव  है | हार  तेरी , जीत  तेरी                          तेरा  ही  दाव  है | मिली तड़पति  धूप है   […]

देश में कुछ संगठन ऐसे हैं, जो निस्वार्थ भाव से जन सेवा के काम में जुटे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल भी एक ऐसा ही संगठन है, जो मुश्किल वक़्त में लोगों की मदद करता है। कहीं बाढ़ आए, सूखा पड़े या फिर कोई और मुसीबत आए, संगठन के […]

आज हमारे अखबारों में एक दुर्लभ दृश्य मुखपृष्ठ पर छपा है। जापान की एक सरकारी कंपनी के चार अधिकारी सिर झुकाए हुए जनता से माफी मांग रहे हैं। वे सरकारी अधिकारी माफी इसलिए मांग रहे थे कि उनका एक कर्मचारी निश्चित समय से 3 मिनिट पहले अपनी सीट पर से […]

तन की सफाई सब करें मन की करे न कोय मन की सफाई जो करें जीवन सफल हो जाय मन मे जो विकार बसे है उनकी सफाई करनी होगी मन को स्वच्छ बनाकर अपने पवित्रता मन मे भरनी होगी इंसान से देवता बनने का यही तो सुगम मार्ग है कलियुग […]

वो सूखे पत्ते पलाश के । टूटे सितारे आकाश से । खोजते रहे जमीं अपनी , कल तक जो थे साथ से । क्यों तरसती रहीं निगाहें  , उजाले थे वो आभास के । क्यों टूटते रहे वो घरौंदे  , जो घरौंदे थे विस्वास के  । न रूठकर भी रूठे […]

सुयोग  ध्यान साधना मिटा रहे हिये  विकार| पवित्र भाव को लिये करो तु योग बार बार|| शरीर स्वस्थ स्वच्छ हो विवेक पूर्ण हो विचार| सु दिव्य देह प्राण में सु ज्ञान देत है पसार|| भुजंग सूर्य आसनः सु शक्ति देह दे अपार| सुताड वृक्ष उज्जयी कपाल भांति को सिआर|| सु […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।