अनुराधा और नीलम 12वीं की परीक्षा  पास कर ली थी। आज वह दोनो  जम्मू  विश्वविद्यालय में पत्राचार माध्यम से बी.ए. प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने आई थी। उन दोनों को न तो विश्वविद्यालय के विभागों की जानकारी थी और न ही वहां कोई जान पहचान का था। वह दोनों बहुत […]

क्या इंसान में इंसान भी  कहीं  जिंदा  है। क्या अभी भी इंसान का ईमान जिंदा है।। रोज  दूसरे  लोगो  के कर्मो का आंकलन करता है। क्या अभी भी तेरे अंदर का मासूम बच्चा जिंदा है।। घटती हुई उम्र के साथ सब कुछ कहीं पीछे छूट रहा है। वो दुखो से […]

रिश्तो से चलती ये जिंदगी और बिगड़ती रिश्तो से। देखे रिश्ते खून के और कुछ देखे रिश्ते प्यार के।। कुछ शब्दों के कहकहों से कुछ देखे मौन रहे से। कुछ देखे इकरार के और कुछ देखे इजहार के।। कुछ रिश्ते ठूठ खड़े थे और कुछ खिलते गुलाब से। सूखे पेड़ […]

माँ की *ममता* की बात अलग पिता के प्यार करने का अंदाज़ अलग करते हैं दोनों प्यार बच्चों से बहुत मगर दोनों की चाहत होती अलग अलग माँ ममता लुटाती बच्चों पे नाज़ नख़रे सहती हज़ार पिता थोड़ा सख़्त रहते बच्चों से दिल से प्यार करते बेशुमार माँ संस्कारों से […]

हमारे एक पेचान वाले भिया नेता हैं… चुनाव में उनको कोई पाल्टी टिकिट दे, या न दे वो निर्दलीय ही खड़े हो जाते हैं, अन्य पार्टियों की जमी-जमाई ‘दुकान’ बिगाडऩे के लिए… आखिर भिया का भी अपना एक अलग ही वोट बैंक जो है… भिया ‘थोबड़े वाली किताब’ यानी फेसबुक-वाटसप […]

संस्कृत,संस्कृति,संस्कार कराते भारत का सत्कार धरोहर यही है भारत की पहचान यही है भारत की उन्नति का आधार यही है नैतिकता का प्रमाण यही है दुनिया इसी से भरोसा करती हमको अपने से आगे रखती फिर क्यों भूल रहे है इनको अंग्रेजियत क्यों भा रही सबको भारतीयता के रंग में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।