हर दन खुशी की बरसात हे हर बात  निराली हे , मा बाप का प्यार मिले तो हर रात  दिवाली हे | उनकी आखो में झाकता संतुस्टी का भाव , लगता हे सारे गुलशन में फैली हरयाली हे , नहीं चाहिते हमसे वो कुछ भी लेकिन , परिवार के गुलशन […]

किया एक यज्ञ जब राजा दक्ष ने बुलाया न अपनी बेटी सती को समाचार जब सुना सती ने हठ किया शिव को साथ चलने लाख मनाया शिव शंकर को न माने जब शिव शंभु तो चल पड़ी अकेली ही घर पिता के जैसे ही पहुँची यज्ञ सभा में देखा बैठे […]

धन बरसाने आई लक्ष्मी ,घर – घर खुशियाँ छाई। कर दरिद्र कोसों दूर, भण्डार भरने खुद माँ आई।। भावों के दीप सजाकर, देखो कैसी रोशनी आई। अमावस के घोर तिमिर को, जीतने रोशनी छाई।। कतारें सज रही दीपों की, बाजार सजे धजे भाई। रंग बिरंगे नव परिधानों में, सजे हैं […]

.                    भाग्य  मुकद्दर  से बने, कर्म  नसीबी  खेल। माधव भी न करा सके,कौरव पाण्डव मेल।। .                      भाग्य लिखा वनवास जो,कौशल सीता मात। त्रिलोकी थे राम जी, लगी न  कोइ  बिसात।। .                      पाँच  पति  जग जीत थे, पांचाली  के  भाग। जीवन भर जलती रही,द्रुपद सुता बिन आग। .                    भाग्य बदलता कर्म […]

विश्व कल्याण को समर्पित है ब्रह्माकुमारी यह संस्था महान शांति,सदभाव,चरित्रोथान का अदभुत, दिव्य रमणीक संस्थान परमात्मा की अनूठी अनुभूति होती इस ईश्वरीय विश्वविद्यालय में राजयोग की साधना स्थली पर वाइब्रेशन मिलती इस मधुबन में जो भी आये यहां का हो जाये ओम शांति मुख पर आ जाये स्वयं को आत्म […]

पढ़ लिख कर नाम अब तो कमाती है बेटियां, हर गुण में आगे बढ़ती बढ़ाती है बेटियां, जीवन के सुख-दुःखों में हाथ बढ़ाती है बेटियां, माता-पिता का ध्यान सदा रखती है बेटियां ।   रिश्तों को बखूबी से निभाती है बेटियां, ससुराल और माइका चलाती है बेटियां, रिश्तों के डोर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।