*इस भारतभूमि के अंचल में समय-समय पर ऐसे नरपुंगव पैदा हुए हैं जिनके विचारों ने न केवल भारत अपितु संपूर्ण विश्व को प्रेरणा प्रदान की।12 जनवरी सन् 1863 ई. की पौष संक्रांति पर कलकत्ते के सिमुलिया पल्ली में माँ भुवनेश्वरी की कोख से ऐसे ही एक नवरत्न ने जन्म […]

वतन के दीवाने घर से निकल पड़े है धूल दुश्मन को चटाने चल पड़े है जोश कितना है देखो जवानी में उनकी वतन के खातिर वो मचल पड़े है हवा आग पानी चिंता तुफानो की नहीं है वो  हालात पर  ऐसे ढल पड़े है उन फौजी भाईयों को नमन है […]

मुझे संभालो कि मुझे गुमाँ हो गया मैं किसी चाँद का आसमाँ हो गया कितना सच्चा है प्यार मेरा देखिए मैं किसी बच्चे की ज़ुबान हो गया इश्क़ मेरा जज़बात से महरुम नहीं मैं किसी बेघर का मकान हो गया मेरे इश्क़ पे सियासत की छींटें नहीं मैं होली तो […]

बदल सी गई है तासीर हवाओं की, फ़िज़ा ने अंदाज़ भी बदला है । हो कर मस्त मलंग मोहब्बत में तेरी, कहां अब ये दिल अकेला है ।। इश्केदारियां लुभा रही हैं दिल को मेरे, ये दुनिया तो बस झमेला है । महक़ उठें है अब गलियां चौबारे देखो, हुआ […]

देश भर में स्वामी विवेकानंद की जयंती कहीं ‘युवा दिवस’ तो कहीं ‘युवा सप्ताह’ के रूप में मनायी जा रही है। उनके विभिन्न संदेश फिर से याद किये जा रहे हैं। विभिन्न कार्यक्रमों के बीच कई जगहों पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा भी था कि […]

छिपकर मधुबन में जब कान्हा- राधा संग रास रचाते थे, रंग भरी पिचकारी ले कर- घर घर घात लगाते थे, ब्रज की हर गोपी थी भोली. भूलो अब तबकी होली…. रास रचाते धूम मचाते- मुरली मीठी मधुर बजाते, राधा भी सखि वृंद सहित- मोहन की बनती हमजोली. भूलो अब तबकी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।