ये आज़ादी के उन सपनों का आगाज़ नहीं है, हुए अठहत्तर साल कि हम आज़ाद नहीं हैं। भूल गए कि हमने कितने नर खोए हैं, भूल गए कि हमने कितने सर बोए हैं! भूल गए आधीन हुए थे हम दोज़ख के, भूल गए कि शर्मसार ही सब के सब थे। […]

1. एक दिन ऐसा ही हुआ एक दिन ऐसा ही हुआ, मैं हुआ, दर्पण हुआ, फ़ासला हुआ। कहने को तो वहीं मैं, वहीं दर्पण लेकिन, उसी एक दर्पण में फ़ासला हुआ। मैं वही, मगर वही, वैसा ही नहीं जैसाकि था कल, वैसा नहीं हुआ, एक दिन ऐसा ही हुआ। 2.अंतिम […]

स्त्री देह को रौंदने वाली पाशविक मनोवृत्ति किसी युग में नहीं बदलेगी। कितने ही आन्दोलन हो जाएँ, कुर्बानियाँ दी जाएँ, स्त्री को उपभोग की वस्तु समझना बंद नहीं हो सकता कभी। प्रदर्शन की वस्तु, ख़रीदी-बेची जाने वाली चलती-फिरती गुलाम से अधिक नहीं है स्त्री देह का सच। बदला लेना है […]

कश्ती से मैंने कहा- ‘बस, अगले मोड़ पर, सुकून होगा, बस चलते रहो…’ सरिता के साथी, तैरने का सफ़र, साहस और उत्साह का बसेरा। लहरों की गहराइयों में, मिलेगा मन को अपना स्थान, प्रकृति की धुन में, खो जाएगा हर आलस्य, बस चलते रहो… संघर्ष के बाद, सफलता की मिठास। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।