हर हृदय में बहती रहती नित प्रेम की निर्मल धारा, है विश्व कुटुंब में सर्वोपरि भारत गणतंत्र हमारा, ये जननी जन्मभूमि अपनी है स्वाभिमान हमारा, जहाँ सर्वधर्म समभाव रहा सदा मानवता धर्म हमारा, हो विकट परिस्थिति कितनी भी हो विषम समय की धारा, है वतन पर अपने मिटने का स्वर्णिम […]