न्यारा और प्यारा बनने को सच्ची प्रीत लगानी होगी परमात्म ज्ञान फैलाने को नई नई पौध लगानी होगी परमात्म पिता से पढ़ने को कक्षा नियमित सजानी होगी ईश्वरीय ज्ञान मिले सभी को ऐसी धुन बजानी होगी परमात्म समान गुणवान हो ऐसी रीति अपनानी होगी पता चल जाये तीनो कालो का […]

ओम शब्द मे स्थित हो मिल जाती है शांति ओम शांति अभिवादन भी शांत स्वरूप आत्मा भी निश्चय बुद्धि रहे परमात्मा से ऐसा बीज मन्त्र करिश्मा भी परमात्मा  पिता भी, गुरु भी हमे पढ़ाता भी, सीखाता भी दुःख हरता भी,सुख दाता भी विकारमुक्त कर पवित्र बनाता भी शिव शक्ति हमे […]

आत्मा मैली हो गई इसे कीजिए साफ व्यर्थ के आकर्षण से बचकर रहिए आप स्व पर राज करने को कर्मेन्द्रिय जीत बनिए मन,बुद्धि ,संस्कार से आत्म बलशाली बनिए मनुष्य से देवता बनने का राजयोग ही मार्ग है आदि,मध्य,अंत ज्ञान का गीता मात्र आधार है। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ […]

परमात्म शिव को याद करो मुरलीधर बन जाओगे शिव ही सामने दिखाई पड़ेगे ऐसे दिव्य आईना बन जाओगे अपने मुंह मिया मिट्ठू बने तो देह अभिमान हो जायेगा जो वायदा किया है सेवा का वह अधूरा ही रह जायेगा रूहानी यात्रा पर चलने को सर्वस्व अर्पण कर देना है जो […]

निंदा करे जो तुम्हारी उसे भी गले लगा लो तुम मोह माया से मुक्त रहकर प्रभु को अपना बना लो तुम प्रभु है पिता हमारा यह याद हमेशा रखिए प्रभु जो रास्ता दिखाए उसी रास्ते पर चलिए आत्मा है ज्योति बिंदू उसी भान मे रहिए शरीर तो वस्त्र समान है […]

जैसा वह रखेगा वैसे रहेंगे हम जो वह खिलायेगा वही खाएंगे हम जो वह पहनायेगा वही पहनेंगे हम पिता है वह हमारा सुख शांति देता है दुःखो को हर कर हमारे असीम खुशी देता है स्वर्ग का वह रचियता परमात्मा ही तो होता है। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।