धर्म स्थान कोई भी हो हो सबका सम्मान धर्म निरपेक्ष संविधान का पुरजोर रखिये ध्यान सब धर्म सीखाते आपस मे भाईचारा सबका परमात्मा एक है नाम भले हो न्यारा न्यारा कोई ज्योति बिंदू कहे कोई नूर ए इलाही लाइट ऑफ गॉड यही सतनाम भी है प्यारा प्यारा। #गोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]

परमात्मा ने कुछ को विशेष बनाया है हमने भी उन्हें दिव्यांग बताया है परमात्मा ने भले ही उनमे कुछ कमी छोड़ दी पर साथ ही कुछ खूबी भी जोड़ दी मन से होते है वे बहुत सुंदर और प्यारे तन से न कहो उनको बेचारे उनमे भी होती है गजब […]

उन्हें दूर के ढोल सुहावने लगे जो अपने थे वे पराये लगे दूर की चकाचोंध मे वे खोये रहे देह अभिमान मे इतराये रहे जमीन को छोड़ कर उनका उड़ना यथार्थ को नजरअंदाज करना उन्हें विकारमय बनाता रहा स्वयं से ही दूर भगाता रहा काश!वे अंतरात्मा को जान लेते कम […]

वह बालक गरीब है उसका क्या कसूर पेट के लिए बर्तन धोता है दफ्तरों मे चाय लाता है सर्द मौसम मे नंगे पैर,फटेहाल कपड़े फिर भी वह खुश है इस कड़ी मेहनत से उसे मलाल होता है तब जब बाल श्रम कानून के सरकारी बाबू,अफसर उसे उसके नाम से नही […]

भौतिक संसाधनों की कमी नही पैसो की कमी कभी जानी नही इशारा करते ही हर बात हो जाये बड़ी शक्ति भी कदमो मे आ जाये फिर ऐसा क्या है जो चैन नही है मन फिर भी क्यो शांत नही है दिल की धड़कने बड़ी हुई है चेहरे पर बेचैनी छाई […]

परमात्मा पर जब निश्चय करना सीख जाओगे परमात्मा तुम्हारे साथ तभी से खड़े हो जाएंगे एक बार सच्चे मन से परमात्मा को याद करो जो भी दुख है जीवन मे वे पल मे दूर हो जाएंगे परमात्मा है पिता हमारा सबका भला वह चाहता उनको जब भी पुकारो वह दौड़े […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।