अंहकार किसी का हो कष्टदायी ही होता है राम कभी नही बनने देता बस रावण हो जाता है राम जैसा भेष बना कर जो जनता बीच आये थे ऊंचे ऊंचे स्वप्न दिखाकर जनता को ठग गए थे वही भहरुपये भूल गए जनता से किये वायदों को किसान,मजदूर बेहाल हुआ व्यापारी […]

स्नेह मिला,शुभकामनाएं मिली मिल गया आपका प्यार कृपा यूं ही बनाये रखना बढ़ती रहे जीवन पतवार ईश्वर याद रहे हमेशा भूल न पाऊं उसको अवगुण कभी पास न आये याद रहे हम सबको शांति,खुशी,सदभाव की बहती रहे सदा ही ब्यार ईश्वर रहे अंग संग हमारे संसार से मिले भरपूर प्यार। […]

परमात्म लीला हुई है एक युगल सुनीता मिली है एक दस दिसम्बर की बात है यह युगल बनने की वर्षगांठ है यह ईश्वर साक्षी रहा हमेशा जीवन सुखद जिया हमेशा धर्म आध्यात्म जीवन मे आया युगल विदुषी को कन्हैया भाया मीरा बन वह साधनारत है मेरा मन भी ईश्वरीय मत […]

जो स्वपन मे जीता है उसका जीवन रीता है जो स्वपन को साकार करे लक्ष्य रख प्रयास करे प्रतिफल वही पाता है जीवन सुखमय हो जाता है जीवन को स्वर्णिम बनाने को आत्मिक हर्ष पाने को स्वपन लक्ष्य का जो बुनता है सद्कर्म वही तो करता है वही सच्चा मानव […]

जीवन के हर लक्ष्य को पा सकते है आप भय,झिझक से परे जाकर करिये बड़ा सा साहस साथ मे अनुभव का खजाना सफलता सहज दिलायेगा जो बाधाये आएगी राह मे उनको दूर भगायेगा बस लक्ष्य पवित्र हो आपका यह ध्यान जरूर रखना होगा ईश्वर भी साथ देगा तुम्हारा जो सपना […]

सच चाहिए तो देखिए आईना झूठ नही बोलता कभी आईना एक भी दाग लगा हो दामन पर उसे भी सामने ले आता आईना स्वयं को जानने की तरकीब यह भी स्वयं के सामने ले आइये आईना सावधान कैमरे की नजर मे है आप क्यो भूलते हो परमात्मा का आईना कही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।