मेरी नजरों में ठहरा वो चेहरा खास है । लाख मुझसे दूर सही पर दिल के पास है ।। एक पल भूले नहीं आहटे आती रहीं । तेरी चाहत का ही दिल को आभास है ।। शोखी तेरी वो शरारत करती थी दीवाना । अब तलक मुझको तो जाना अहसास […]
फर्ज से पीछे नहीं नारी का सम्मान है पहनी जिसने वर्दियां हमको अभिमान है कड़ी धूप है मगर निभा कर्तव्य रही हिन्द के वासिंदे है हिन्द की शान है नारी बनी इंजीनियर डॉक्टर वकील भी नारी को ना समझो अबला है नादान है चला रही गाडियाँ तेज रफ्तार से डर […]
काम अधूरे अबकी बार कर देना उम्मीद है तुमसें सरकार कर देना मिटे अंधियारा रोशन रहे जग सारा खुशहाल सारा गाँव परिवार कर देना रोटी को न तरस जाए कोई ऐसा न हो मिले सबको ऐसा रोजगार कर देना बिजली हो पानी हो सुविधा सारी हो किसी गरीब को न […]
ये शाम आज ढलती मिली है आंधियां कैसी चलती मिली है पानी फिर गया माजरा क्या है उम्मीद भी हाथ मलती मिली है सराहूं भला कैसे उस आदमी को गलतियों पे आखिर गलती मिली है बदले गाँव सारा बदला शहर है तस्वीर जमाने की बदलती मिली है आँख फिर हमारी […]
अपनी ही धुन में मगन देखते हैं फैशन का इस तरह चलन देखते हैं मर्यादा रखी गई ताक पर अधनंगा बदन देखते हैं लोग अपने आप मे सिमटने लगे खो रहा अपनापन देखते हैं रिश्तों में हो रही खटास जुबान पे कड़वापन देखते हैं तालुक कौन रखता है झोपड़े वालों […]
हम खुशी के खुमार में रहते हैं हर पल तुम्हारे इंतजार में रहते हैं गज़ल कभी शायरी जिंदगी हमारी खोए हुए इक तुम्हारे प्यार में रहते हैं झूठ हमारी फितरत में बिल्कुल नहीं हम है कि,सच्चे किरदार में रहते हैं नेता नहीं ना अभिनेता कोई हम फिर भी चर्चे हमारे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।