सच हमेशा सच है झूठ हमेशा  झूठ झूठ के बल जो चले समय भी जाता उससे रुठ झूठ साथ निभाता नही सच कभी झुठलाता नही सच शक्तिवान बड़ा हर विपत्ति में साथ खड़ा सच के साथी ईश्वर है झूठ के साथी रावण झूठ और रावण जब जल जाएगा सच ईश्वर […]

गत साल भी दी थी बधाई सन 2018 की आपने परिवर्तन कुछ नही हुआ कैसी बधाई दी आपने ठण्ड तब थी ठण्ड अब है शीत लहर चल रही रात मे अच्छे दिन तो आये नही रोजगार युवक पाये नही किसानो ने आत्महत्याएं की कैसी व्यवस्था दी आपने गैस सिलेंडर महंगा […]

परमात्म याद बेहद सरल आप भी करिए याद चलते फिरते उठते बैठते  मन मे रहे ईश्वर की याद इस याद से ही पाप कटते इससे ही हरते सब सन्ताप विकर्मों से भी मुक्ति मिलती इसी से पावन बनते आप 24 में से केवल 8 घण्टे ईश्वर के लिए दे दीजिए […]

साया जबसे उठा माँ का बिन माँ के हो गए हम जिस आँचल में जन्नत लगती उससे महरूम हो गए हम माँ नही दुनिया लगती थी उस दुनिया से खो गए हम डांट डपट सब कर लेती थी थप्पड़ गाल पर जड़ देती थी फिर भी सबसे प्यारी लगती पिटाई […]

जब पाप धरा पर बढ़ जाते तब परमात्मा धरा पर स्वयं आते तमो प्रधानता के इस युग मे हमे परमात्मा पावन बनाते कल्प कल्प का यही बिधान विकारो से प्रभु मुक्ति दिलाते युग परिवर्तन के प्रभु ध्योतक हमको तो सिर्फ निमित्त बनाते आओ परिवर्तन करे स्वयं में क्यो नही प्रभु […]

जब जब भी अन्याय हो होना चाहिए प्रतिकार अब शोषक चाहे अधर्मी हो या हो फिर सरकार जीने का हक सबको है है सब परमात्मा की सन्तान फिर किसी को क्या हक है छीने जो जीने का अधिकार जो जन रक्षा को हो समर्पित उनका हो भरपूर सम्मान जो जीता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।