हिंदी साहित्य के गगन में हो गया है अरुणोदय अपभ्रंश अनूठी विधा में पुष्पनन्दन कृति गरिमामय जैन रामायण शोधवेता योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण को मिला अकादमी भाषा सम्मान हर्षित हुआ उत्तराखंड बढ़ गया जन जन का मान धन्य धन्य हे देवभूमि ओर धन्य है वह विद्या मां जिसने अपने पूण्य […]

किसी की प्रगति देखकर खुश हो जाना चाहिए उसकी उपलब्धियो के लिए  बधाई दिल से देनी चाहिए ईर्ष्या, द्वेष,जलन,निंदा प्रगति अपनी ही रोकती है अपनी स्थिति खराब करती दुसरो की नजर में गेरती है किसी की प्रगति से प्रेरित होकर जब हम आगे बढ़ते है खुशियां हमारी दोगुनी बढ़ती तरक़्क़ी […]

द्रष्टा बनकर  रहना सीखो विचलित कभी  न होना सीखो जो हो रहा है , अच्छा हो रहा है इस सत्यता को स्वीकारना सीखो दुःख सुख तो है  प्रालब्ध की देन आते जरूर  येन केन प्रकारेण फिर उनसे  घबराना कैसा मन को अस्थिर  करना कैसा जो होना है होकर रहेगा काल […]

गण का तंत्र एक विचार विषय संविधान ही है इसका परिचय मूल भावना ही आहत होती संशोधनों से भर गई पोथी जिसकी भी जब सत्ता आई उसने अपनी अपनी चलाई जाति धर्म सब एक समान थे भारतीयता ही एक पहचान थे पर वोट ने हम सबको बांटा जाति धर्म से […]

मतदाता दिवस …………. लोकतंत्र के पर्व पर ले लो बड़ा संकल्प वोटर बनना लाजमी यही बड़ा विकल्प देश के जिम्मेदार हो निभाओ अपना फ़र्ज जाकर बूथ पर आज नाम कराओ अपना दर्ज जब भी होंगे चुनाव नेता करेंगे तुमको याद एड़िया रगड़ेंगे चोखट पर वोट की करेंगे फरियाद देश के […]

ऊंचे से ऊंचा सोचकर चढ़ते जाओ सोपान देह बन्धनों से मुक्त हो हलके हो जाओ इंसान इंसान से देवता बनना अब है बहुत आसान विकार छोड़ पवित्र बनो छोड़ो व्यर्थ का पोथी ज्ञान कृष्ण सरीका बनने को मेहनत तो करनी होगी यह कलियुग बीत जाएगा अगली दुनिया तुम्हारी होगी। #गोपाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।