जो आया है वह जाएगा कोई सदा न रह पाएगा सब खाली हाथ आते है सब खाली हाथ ही जाते है फिर धन संचय किस काम का यह समझ नही पाते है जो बोझ बनते इस धरती पर उन्हें लोग भूल जाते हैं जो जीते है दुसरो के लिए वे […]

चेहरा चलन एक सा वही बन्दा नेक सा समस्याओं को भूल जाएं बस समाधान याद आये स्नेहशीलता की सौगात हो स्वयं में मुक्ति आभास हो मुक्तिदाता का यही फरमान नही करो कभी अभिमान विकारों का त्याग करो सद्गुणों को धारण करो देव समान बन जाओगे परमात्म प्रिय हो जाओगे। #श्रीगोपाल […]

प्रेम में क्रोध का  नही कोई स्थान प्रेम अगर करना है क्रोध का कीजिए त्याग प्रेम शांति का आभूषण प्रेम अपनत्व का मान प्रेम सहिष्णुता की खान प्रेम ह्रदय का रसखान प्रेम सद्गुणों का पोषक प्रेम अहिँसा का ध्योतक प्रेम एक संस्कार है मोह एक विकार है प्रेम प्रभु से […]

भाग्य के भरोसे रहो नही सद्कर्म से पीछे हटो नही जितना हो परिश्रम करो लक्ष्य पाने को संकल्प धरो मंजिल जरूर मिल जाएगी खुशियां साथ ले आएगी परमात्मा भी साथ होंगे सफलता की सौगात लेके बस सुख को गले लगाना है बुराइयों से मुक्त हो जाना है सफल जीवन की […]

इस शरीर से काहे प्रेम करे है यह मिट्टी है मिट्टी में मिल जाना है ऊपरी सुंदरता पर क्यो मरे है अंदर अस्थि,मज्जा और पखाना है शरीर तो रथ है उसमें बसी आत्मा का जिसको एक दिन चले जाना है फिर ईर्ष्या, द्वेष, घमण्ड काहे को ये सब तो पाप […]

सूर्य का उत्तरायण में आना बसन्त आगमन की आहट है प्रकति अपना आवरण बदलेगी नव सृजन का आभास है मन भी हर्षित तन भी हर्षित खुशनुमा मौसम का वास है ठिठुरन की होती विदाई सरसो के फूलो की सुगंध मिठास है पेड़,पौधो  का होता पतझड़ नई कोंपलों का सृजन आस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।