ऋषि दयानन्द ने दिया दुनिया को सदसन्देश आडम्बरो से बाहर निकलो संवारो अपना देश छुआछूत से मुक्ति दो अंधविश्वास को छुट्टी दो सुधारा सारा परिवेश मूल शंकर से दयानन्द हो गए परमात्म स्वरूप ज्ञान पा गए किये शास्त्रार्थ अनेक सत्यार्थ प्रकाश की रचना की आर्य समाज की स्थापना की दिया […]

प्यार के लिए हो गए  सन्त वैलेंटाइन बलिदान क्लॉडियस ने दे दिया था उनकी फांसी का फरमान खुशी नही ,शोक की है ये बात देह प्रेम की नही है ये कोई बात सच्चा प्रेम करना है अगर परमात्मा से ही कीजिए वैलेंटाइन डे पर उनसे कुछ रूह रिहान कीजिए वही […]

देश के लिए जो चले गए उनको कर लो जरा याद उनकी आत्मा की शांति को ईश्वर से करो फरियाद आकस्मिक शहादत के कारण शरीर सैनिको ने छोड़ दिया उनको मिले असीम शांति इसके लिए जलाओ एक दीया परमात्मा से योग लगाकर श्रद्धांजलि शहीदों को दीजिए कष्ट कम हो शहीद […]

गीता जीवन का सार है अथाह ज्ञान भंडार है पग पग की राह बताती पाप पुण्य में भेद बताती ज्ञान गंगा की वह धारा है इसी ने जीवन सुधारा है गीता को ही शिक्षक मानो परमात्म उवाच आधार मानो शिव ज्ञान भी इसी को कहते गीता जयंती सद्गुणी बाते पावनता […]

निकले थे जो सुरक्षा को हमारी बलिदान धरा पर हो गए आतंकवाद का खुद निशाना हमारे ही प्रहरी हो गए एक नही, चवालीस घरो के चिराग़ अचानक ही बुझ गए कई वीरांगनाओं का सुहाग उजड़ा कई माताओं के लाल गए कई बहनों ने भाई खोये कई बालक अनाथ हो गए […]

मकड़ी नही , चिड़िया बनिए जाला नही , घोंसला बुनिए जाले में शिकार फंसता है  शिकारी स्वयं भी मरता है चिड़िया बच्चों का घर बनाती है घोंसले को तिनको से सजाती है जाला देखते ही हटा देते है घोंसले को उपयोग में लाते है लक्ष्य शुभ हो तो जाला नही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।