परिवर्तन उसके हाथ मे है मौसम भी उसके हाथ मे है कब धूप कब छाया हो सब कुछ उसके हाथ मे है पाप धरा पर जब बढ़ जाते भूकंप, बाढ़ तभी आते पल भर में जीवन हर लेता नाम न अपना होने देता उसके वजूद को मान लो तुम अब […]

शराब एक जहर है यह समझ लो खूब जो भी इसको पीता विवेक जाता भूल शराब नकली हो या फिर हो असली दोनो होती जान लेवा नकली तुरन्त मारती असली से भी परिवार रोया राजस्व के लोभ में सरकार भी करती यह कारोबार टूटते परिवार बनते शराब का प्रमुख आधार […]

शराब नशा करती है जान भी ले लेती है विधवा बना देती है पिता को खो देती है पुत्र को लील लेती है चूल्हा नही जलने देती महिलाओं को पिटवाती ग्रह क्लेश कराती बहुत उद्दंड है शराब शांति की दुश्मन भाईचारे की विरोधी अपराध की सगी है विकारो की सखी […]

बहुत सह लिया अब न सहेंगे बेमौत सैनिक अब न मरेंगे धैर्य परीक्षा अब पूरी हो गई बातचीत अब नही करेंगे चेतावनी नही हमले की बारी दुश्मन के खात्मे की तैयारी पड़ौसी देश को ओकात बता दो नक्शे से उसका नाम मिटा दो पाक नही नापाक है वह तो गिरगिट […]

सार्थक जीवन के लिए व्यसनों का करो प्रतिकार तन मन दोनों स्वस्थ रहे जीवन बने सुख का आधार व्यसन एक बुराई है जिसने जीवन मे आग लगाई है स्वयं दुखी , परिवार दुखी कैसी यह जग हंसाई है सात्विक बनो आध्यात्मिक बनो देश के अच्छे नागरिक बनो लोगो के प्यारे […]

शांतिमय जीवन के लिए कानून का पालन जरूरी दृष्टि भी अगर अपराधी हो उसे रोकना बहुत जरूरी भाई भाई की नजर से सबको दृष्टिगत रखना होगा न होने पाए मोह किसी से वानप्रस्थी अब बनना होगा जाना है जहां सभी को उसकी तैयारी  करनी होगी जीवन की हर घड़ी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।