चेहरे पे शिकन का साया होगा पुराना ज़ख्म उभर आया होगा मासूम चाँद पे मातम छाया होगा आसमाँ ने जब रात बुझाया होगा चेहरा यूँ ही तो नहीं मुरझाया होगा जरूर वही किस्सा दोहराया होगा वो हुश्नजदा हैं लेकिन कातिल भी हमारे रकीब को भी बुलाया होगा तारीफें सारी बटोर […]