श्रेष्ठ बनकर सदा रहो विकारो से दूर रहो जीवन बने  गुणों का खजाना ऐसे सदाचरण में रहो अंदर बाहर एक सा बन सत्य के प्रहरी रहो मन,वचन,कर्म से एक समान बने रहो छिपाना पड़े ऐसा करो नही नजरो से कभी गिरो नही झुके न सिर शर्म से कभी ऐसे सुकर्म […]

जीवन एक चुनोती है इसे समझ लो खूब जिसने इसको अपना लिया सफलता इसके मूल मंजिल इसी से मिलती है इसी से बनती राहे जो इस पर चलता गया विजय मिली बाह फैलाये पर लक्ष्य मिलने पर जो ठहर जाता है भाग्य भी उसका नही रहता है लेकिन कर्म जिसके […]

अवसरवादी अगर है उसका भी करो उपकार  कमियों पर उसकी जाओ नही दिल से करो सत्कार बनाया है आपको ईश्वर ने जब काबिल अंधेरा मिटाने को करो उजाले का संचार ध्यान रहे आप निमित्त है करने वाले है भगवान जो भी उनके पथ चला सुख,सम्रद्धि मिली अपार। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]

जो मर मिटे है वतन पर उनको जरा याद तो कर रक्षा देश की जो करते थे दुश्मनों से जो निपटते थे घर की परवाह किये बिना जो सीमा पर लड़ते थे उनको आत्म शांति मिले उनके लिए योग तो कर फिर जन्म हो इसी वतन में ऐसा अपना मनोयोग […]

हे परमधाम वासी न हरिद्वार मिलते हो न काशी मन्दिर में ढूंढा मस्जिद में ढूंढा ढूंढा चर्च गुरुद्वारे में कही नही मिले तुम इस कलियुग अंधियारे में तुम हो कांटो से फूल बनाने वाले संकट सारे हर लेने वाले जो याद तुम्हे कर लेते है उनके पास तुम होते है। […]

एक बार समर्पण कर दो सारी परेशानी उसको दे दो सबसे बड़ा चिकित्सक वह अपनी बीमारी उसको कह जज भी बड़ा वही कहलाता पल भर में न्याय मिल जाता सबसे अच्छा शिक्षक वह ज्ञान का अथाह भंडार वह जीवन जीने की कला सिखाता विकारो से हमे मुक्त कराता पवित्रता का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।