जीवन एक परीक्षा है यही जीवन की शिक्षा है जो इसमे पास हो गया जीवन उसका सफल हो गया कठिनाई तो आती है आकर चली भी जाती है जिसने धैर्य नही खोया अच्छे से समय को जिया विजय उसी को मिलती है चेहरे पर चमक दिखती है शांतचित वही रहते […]
जो आया है एक दिन जायेगा जो बना है एक दिन मिटेगा जो जन्मा है एक दिन मरेगा बन्द मुठ्ठी आया खुली मुठ्ठी जाएगा न रंक यहां रहा न राजा रह पाएगा क्रोध के बाद शांति ही आएगी विकार छोड़ने पर पवित्रता आएगी बुराई के खात्मे से अच्छाई आएगी कलियुग […]
जो बीत गया सो बीत गया बुरा भूलकर अच्छा याद किया बुरे को व्यर्थ अच्छे को प्रेरक मानिए जीवन मे सफलता का यही गुण जानिए वर्तमान में जीना सबसे बड़ी कला है जितना बेहतर है उतना ही सुखद है अच्छे वर्तमान से ही अच्छा भविष्य सम्भव है। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]
मन की इच्छा ऊचाइयां छूती है जो नित नये सपने बुनती है पर सपने तो सपने होते है बिना कर्म कभी पूरे नही होते है मन की इच्छा को यदि पूरा करना है देखे सपनो को यथार्थ में लाना है कर्म की कसौटी पर उन्हें कसना होगा परिश्रम की चाशनी […]
स्वहित को भूलकर परहित रखिए ध्यान जीवन के हर मोड़ पर स्वयं को निमित्त जान करने वाला ओर है फिर कैसा अभिमान हम तो केवल कठपुतली नचाता हमे भगवान झूठ फरेब किस काम के सिर पर चढ़ता पाप जब करनी का दंड मिलता अकेला करता सन्ताप। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल […]
लोकतंत्र का पर्व है पंच वर्षीय चुनाव हर वोटर से अर्ज है अपना दायित्व निभाव मतदान अधिकार है माई बाप है आप सरकार अच्छी चुनिए आज निर्णायक है आप प्रलोभन में आना नही अयोग्य को चुनना नही आपका जो बनकर रहे उसे ही मानिये आप जाति धर्म से दूर रहो […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।