विरक्ति का अर्थ यह नही जो आत्म हन्ता हो जाये जो हमसे प्रेम करते है उन्हें बिलखता छोड़ जाये विरक्ति का अर्थ यह है आप ट्रस्टी बनकर रहिए अपना है पर अभिमान नही स्वयं को उसके निमित्त समझीये एक एक सांस की कीमत है जिसका स्वामी ईश्वर है हम सांसो […]

सदा शुभ ही सोचिए शुभ स्वतः हो जायेगा सुख को अगर याद करोगे दुःख विदा हो जायेगा सकारात्मक सोच से ही सद राह निकलती है व्यर्थ सोच से मुक्ति मिलती मन को खुशी मिलती है देहभान का अगर त्याग करो अभिमान भी न रह पायेगा आत्मा  निर्मल बन जाएगी पाप […]

अपना वोट जरूर करे चाहे साधु हो या सन्त लोकतंत्र के इस यज्ञ में आहुति डालिए अनन्त अच्छे लोग चुनने का एक मात्र यही अवसर कोई भी वोट छूटने न पाये चाहे कर्मचारी या अफसर रूहानियत में जो रह रहे वे भी जरूर करे मतदान देश के हालात सुधरेंगे तो […]

चुनाव है तो चुनना ही होगा नोटा दबाने से कुछ नही होगा सत्ताधीश पुंजिपतियो के रहे  गरीबो के घर तो फांके ही रहे अन्नदाता अन्न से मोहताज रहा बेचारा बेमौत  मरता ही रहा व्यापारी को जीएसटी ने मारा कुछ को नोटबन्दी ने मारा जो विरोध करे वह देशद्रोही है लोकतंत्र […]

जब अवसर मिला तब किया नही जनता से वायदा निभाया नही सांसद से मिलने को  तरसी थी जनता पांच साल तक सुध लेने आया नही अब फिर दर पर आ रहे है झूठे वायदे दोहरा रहे है जाति धर्म का वास्ता देकर सत्ता की रोटी पका रहे है अभी भी […]

दिनभर उपवास रखकर कर रहे हम देवी वन्दन फलाहार का सेवन करके माथे पर लगा रहे शीतल चन्दन नवरात्र का यह पावन पर्व देवी पूजा का नूतन अवसर अखण्ड ज्योति जलाकर मां की दिन रात कर रहे शक्ति अभिनन्दन पर देवी गुण अगर खुद में हो देवी स्वरूप ही हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।