दुसरो की खुशी जो छीनते स्वयं में खुश न रह पाएंगे अहित जो दूसरों का करते हित अपना भी न कर पाएंगे अपने होकर जो बुरा करते अच्छे कभी न बन पाएंगे नकारात्मक जब तक रहेंगे सकारात्मक नही बन पाएंगे अपनो का ही नही गैरो का भी भला सोचते है […]

मौसम में गर्मी बहुत भारी है पशु पक्षियों की लाचारी है दाना पानी उनको भी मिले गर्मी में कोई भी न जले पेड़ पौधों की कमी खलती है ठंडी छांव अब कहा मिलती है प्राकृतिक जंगल खत्म हो गए कंक्रीट के जंगल खड़े हो गए तभी तो धरती धधक रही […]

बुजुर्गों को उपेक्षा नही भरपूर सम्मान दीजिए उनका सहारा बनकर उन्हे प्यार दीजिए घर की शान है बुजुर्ग यह सोचना सदा तुम्हारी नीव है बुजुर्ग यह मानना सदा उनकी हर जरूरत का बस खयाल कीजिए उनको कुछ वक्त देकर उन्हें हंसा दीजिए एक वे ही है आपके जो चाहते है […]

स्त्री पुरूष सन्तान प्रभु की जीवन गाड़ी के दो पहिए बराबर चलते  रहो साथ में प्रगति पथ पर  आगे बढ़िए कोई बड़ा न छोटा कोई फिर अभिमान  काहे करिए सम्मान रहे एक दूजे का शांतभाव से जीवनभर चलिए संयमित जीवन सात्विक आहार पिता परमेश्वर को बस याद करिए। #श्रीगोपाल नारसन […]

शंकर ध्यान करते शिव का होता नटराज नृत्य का गान पिता परमात्मा खुश हो जाते रखते शंकर महिमा का मान देवत्व जो भी धारण करते परमात्मा के प्यारे कहलाते है विकार रहित पावन बनकर स्वर्णिम सतयुगी  हो जाते है कलियुग का यह अंतिम चरण दुर्लभ संगम युग कहलाता है परमात्मा […]

भूख है,तंगी है और है लाचारी दिनभर करते कमतोड़ मजदूरी फिर भी कमबख्त जेब खाली दावे,योजना, भाषण अपनी जगह कई कई दिन नही लगती मजदूरी चुल्हा ठंडा है और कनस्तर खाली एक बार सिलेंडर देकर छपे पोस्टर गैस को पैसे है नही  समस्या भारी बैंक एकाउंट तो खुलवाये  दनादन किसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।